वायु गुणवत्ता रिपोर्ट: प्रदूषण में आज भी श्रीगंगानगर टॉप पर, आइजोल की हवा सबसे साफ

देश के 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। हालांकि कल से इन शहरों में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 31 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 54 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 15 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

रुझानों से पता चला है कि आज एक बार फिर देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 40 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 254 पर पहुंच गया। इस दौरान श्रीगंगानगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो श्रीगंगानगर में प्रदूषण 1,590 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की बीमार बना देने के लिए काफी है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि आइजोल की तुलना श्रीगंगानगर से करें तो वहां स्थिति 16 गुणा बेहतर है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में सांगली (191) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा (175) तीसरे स्थान पर है।

कमोबेश ऐसी ही स्थिति बुलन्दशहर की है, जो 174 अंकों के साथ देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह झांसी (146), बद्दी (135) में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जो आज प्रदूषित शहरों में पांचवें और छठे स्थान पर हैं। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज गाजियाबाद (134), मेरठ (127), दौसा (122) और बारां (120) भी शामिल हैं।

इस दौरान जहां देश में श्रीगंगानगर, झांसी, समस्तीपुर, बर्नीहाट आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। वहीं ग्रेटर नोएडा, बुलन्दशहर, बद्दी, गाजियाबाद, मेरठ, दौसा, बारां, गुरूग्राम, बागपत, प्रतापगढ़, दिल्ली, नोएडा, कोयंबटूर, सहरसा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, बांसवाड़ा, धनबाद, रूपनगर, चुरू, हापुड, विशाखापत्तनम, पीथमपुर, टोंक, पटियाला, भिवाड़ी, हनुमानगढ़ पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह कई शहरों में ओजोन, सल्फर और नाइट्रोजन हावी है।

दूसरी तरफ आइजोल की तरह ही आज देश के 70 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में भिलाई, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हुबली, जलना, करौली, कारवार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मैसूर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। 

देश में आगरा सहित छोटे-बड़े 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।

दिल्ली की तरह ही देश के 33 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, बागपत, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, छपरा, चुरू, कोयंबटूर, दौसा, दिल्ली, धनबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हनुमानगढ़, हापुड, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, टोंक, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं।

चिंता की बात है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 36 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 229 में से 71 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 123 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 07 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 134 दर्ज किया गया था।

34 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (254) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 2 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 116 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बुलन्दशहर  चौथे स्थान पर है, वहीं सांगली (191) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (175) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 81, गाजियाबाद में 134, गुवाहाटी में 40, गुरूग्राम में 119, नोएडा में 116, ग्रेटर नोएडा में 175 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 62, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 65, हैदराबाद में 62, जयपुर में 88 और पटना में 65 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 71 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बेलापुर, भिलाई, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हुबली, जलना, करौली, कारवार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नयागढ़, ऊटी, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राउरकेला, सासाराम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, बदलापुर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कुड्डालोर, दमोह, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 123 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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