
प्रदूषण के मामले में आज एक बार फिर मेघालय के बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है। हालांकि कल से वहां वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 280 रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें कल से 37 अंकों की गिरावट आई है।
रुझानों पर नजर डालें तो देश के जहां 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 44 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इन शहरों में राजधानी दिल्ली भी शामिल है।
प्रदूषण के मामले में आज बागपत दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 261 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 254 अंकों के साथ रूपनगर तीसरे स्थान पर है। राजधानी दिल्ली में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां सूचकांक 246 रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली आज देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में चौथे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा पांचवें स्थान पर है, जहां एक्यूआई 241 दर्ज किया गया है।
इसी तरह गुरूग्राम (213) छठे, जबकि गाजियाबाद (204) सातवें स्थान पर है। इसी तरह बूंदी, देवास और खुर्जा भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक आज देश के सात शहरों में हवा खराब है। वहीं कल से तुलना करें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ पुदुकोट्टई की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 दर्ज किया गया है। पुदुकोट्टई की तरह ही देश के 33 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कोलकाता, मदुरै, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना पुदुकोट्टई से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।
रुझानों के मुताबिक अहमदनगर सहित देश के 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, हाजीपुर, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, किशनगंज, कोल्लम, कोरबा, लातूर, महाड, मैहर, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नगांव, नवी मुंबई, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पूर्णिया, रायपुर आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में अलवर सहित 93 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में चुरू, दौसा, देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, गांधीनगर, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, कटनी, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रामनगर, रतलाम शामिल हैं।
वहीं कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के 15 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 41 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के 44 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 226 में से महज 34 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 92 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 83 दर्ज किया गया था।
93 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (280) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 317 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में मामूली इजाफा हुआ है। जहां तीन अंकों के इजाफे के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 246 पर पहुंच गया। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं बागपत (261) दूसरे, जबकि रूपनगर (254) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 173, गाजियाबाद में 204, गुवाहाटी में 168, गुरूग्राम में 213, नोएडा में 167, ग्रेटर नोएडा में 241 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 78 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 180, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 148, हैदराबाद में 68, जयपुर में 153 और पटना में 120 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 34 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, आसनसोल, बागलकोट, बालासोर, भिलाई, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, दमोह, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, कोलकाता, मदुरै, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सलेम, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
वहीं अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गंगटोक, गया, हाजीपुर, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, किशनगंज, कोल्लम, कोरबा, लातूर, महाड, मैहर, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नगांव, नवी मुंबई, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पूर्णिया, रायपुर, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 92 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।