एयर क्वालिटी रिपोर्ट: हर तीसरे शहर की हवा साफ, जानिए आपके शहर की स्थिति

देश में आज श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 दर्ज किया गया। दूसरे तरफ शिलांग में एक्यूआई 17 दर्ज किया गया है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 31 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 58 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 11 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

रुझानों से पता चला है कि आज देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 214 दर्ज किया गया। आंकड़ों से पता चला है कि इस दौरान के श्रीगंगानगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानकों के लिहाज से देखें तो श्रीगंगानगर में प्रदूषण 1300 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि कल प्रदूषण से थूथुकुडी की स्थिति सबसे खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 तक पहुंच गया था। हालांकि आज 255 अंकों के सुधार के साथ थूथुकुडी में सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया है।

वहीं श्रीगंगानगर के उलट आज देश में एक बार फिर शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि श्रीगंगानगर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा खराब है।

प्रदूषण के मामले में आज देश में झांसी (181) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा (165) तीसरे पायदान पर है। हनुमानगढ़ में भी हालात कुछ खास अच्छे नहीं, जो आज 160 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। बुलन्दशहर-बर्नीहाट में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है, जो आज पांचवें और छठे स्थान पर हैं। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में आज मंडी गोबिंदगढ़ (132), औरंगाबाद (बिहार), गाजियाबाद (130) और नोएडा (128) भी शामिल हैं।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज जहां श्रीगंगानगर, झांसी, बर्नीहाट, मंडी गोबिंदगढ़ आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण हावी रहे। वहीं ग्रेटर नोएडा, बुलन्दशहर, औरंगाबाद (बिहार), गाजियाबाद, नोएडा, पीथमपुर, दौसा, वापी, दिल्ली, बागपत, प्रतापगढ़, तुमिडीह, मेरठ, भिवाड़ी, जैसलमेर, टोंक, बद्दी, सिंगरौली आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह कुछ शहरों में ओजोन, सल्फर और नाइट्रोजन भी हावी है।

इन प्रदूषित शहरों के उलट आज देश के करीब 31 फीसदी यानी 71 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में देहरादून, डिंडीगुल, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रयागराज शामिल हैं।

राहत की खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी का इजाफा हुआ है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली की तरह ही आज देश एक 24 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बरेली, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, छपरा, दौसा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, नोएडा, पीथमपुर, प्रतापगढ़, सिंगरौली, टोंक, तुमिडीह, वापी शामिल हैं।

चिंता की बात है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 56 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।

देश में आज छोटे बड़े 134 यानी 58 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा आदि शामिल हैं।

साफ हवा वाले शहरों के उलट आज देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 231 में से 71 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 06 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 138 दर्ज किया गया था।

25 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (214) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 220 के करीब पहुंच गया। कल थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 23 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 114 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हनुमानगढ़ चौथे स्थान पर है, वहीं झांसी (181) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (165) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 82, गाजियाबाद में 130, गुवाहाटी में 44, गुरूग्राम में 96, नोएडा में 128, ग्रेटर नोएडा में 165 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 62, चेन्नई में 79, चंडीगढ़ में 48, हैदराबाद में 88, जयपुर में 88 और पटना में 65 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 71 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, आरा, आसनसोल, बागलकोट, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, गंगटोक, गोरखपुर, गुवाहाटी, हुबली, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, किशनगंज, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पेरुंदुरई, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सलेम, समस्तीपुर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, तंजावुर, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अररिया, औरंगाबाद महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 134 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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