दिल्ली-फरीदाबाद सहित 72 शहरों में संतोषजनक है वायु गुणवत्ता, कल से 11 फीसदी का आया इजाफा

दूसरी तरफ देश के 147 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में कल से करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है
दिल्ली-फरीदाबाद सहित 72 शहरों में संतोषजनक है वायु गुणवत्ता, कल से 11 फीसदी का आया इजाफा
Published on

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी ताजा आंकड़ों में जानकारी दी है कि दिल्ली में कल से प्रदूषण के स्तर में आठ अंकों की गिरावट आई है। इस गिरावट के बाद दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 67 पर पहुंच गया है।

दूसरी तरफ पड़ोसी शहर फरीदाबाद के एक्यूआई में तीन अंकों का मामूली इजाफा हुआ है। नतीजन वहां एक्यूआई बढ़कर 61 पर पहुंच गया। हालांकि इन दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्तर पर बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 69 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इन शहरों में पुणे, रामनगर, रोहतक, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुर, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, विरार, विशाखापत्तनम, खुर्जा, कोलार, कोल्लम, कोटा, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पानीपत, पटना, पीथमपुर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में रूपनगर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 152 दर्ज किया गया है। हालांकि तसल्ली की बात रही कि देश में एक भी शहर ऐसा नहीं जहां वायु गुणवत्ता 'खराब' स्तर पर है। दूसरी तरफ देश में गंगटोक की हवा सबसे ज्यादा स्वच्छ है जहां एक्यूआई 17 दर्ज किया गया है।

यदि रूपनगर में पसरे प्रदूषण की तुलना गंगटोक से करें तो स्थिति करीब नौ गुणा खराब है। रूपनगर की तरह ही मंडी गोबिंदगढ़, धनबाद, फतेहाबाद, विजयपुरा, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर, क्योंझर, गुम्मिडिपूंडी और समस्तीपुर देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।

देश के 147 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में कल से करीब पांच फीसदी की गिरावट आई है।

इन शहरों में हापुड़, हैदराबाद, इंदौर, कोहिमा, राउरकेला, अगरतला, देवास, कडप्पा, राजमहेंद्रवरम, विजयवाड़ा, धुले, हिसार, जालंधर, कलबुर्गी, नागौर, वृंदावन, अंकलेश्वर, बारबिल, बक्सर, अंगुल, भिवंडी, बिलासपुर, बोईसर, कुड्डालोर, हुबली, जलगांव, कोलकाता, मेरठ, नलबाड़ी, शिवमोगा, मालेगांव, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, भुवनेश्वर, दमोह, करनाल, लखनऊ, नवी मुंबई, सोनीपत, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, भीलवाड़ा, ब्यासनगर, कटक, नासिक, पटियाला, तालचेर, तिरुपुर, आसनसोल, ब्रजराजनगर, हावड़ा, मैसूर, नागपुर, चामराजनगर, गोरखपुर, कटिहार, सागर, शिलांग, बदलापुर, बांसवाड़ा, जोधपुर, कोप्पल, प्रयागराज, राजसमंद, सतना, वाराणसी, चरखी दादरी, चुरू, गांधीनगर, जबलपुर, जालौर, पलवल, ठाणे, पाली, रतलाम, भोपाल, बुलन्दशहर, कुरूक्षेत्र, मीरा-भायंदर, अकोला, अरियालूर, देहरादून, कुंजेमुरा आदि शहर शामिल थे।

इसी तरह देश के आठ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। कल से तुलना करें तो इन शहरों में करीब सौ फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में मंडी गोबिंदगढ़, धनबाद, फतेहाबाद, विजयपुरा, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर, क्योंझर शामिल थे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 227 में से 147 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 72 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 65 दर्ज किया गया था। आठ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में रूपनगर (152) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (67) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से आठ अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 61, गाजियाबाद में 56, गुरुग्राम में 84, नोएडा में 75, ग्रेटर नोएडा में 54 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 31 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 40, चेन्नई में 72, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 46, जयपुर में 47 और पटना में 52 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 147 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चिकबलपुर, चुरू, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धुले, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हापुड़, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, जोधपुर, कडप्पा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, करनाल, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पालकालाइपेरुर, पलवल, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपुर, तुमिडीह, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यमुनानगर, शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, बद्दी, बागलकोट, बहादुरगढ़, बालासोर, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवानी, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दौसा, दिल्ली, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हावेरी, जैसलमेर, जींद, कैथल, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोल्लम, कोटा, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पुदुचेरी, पुणे, रामनगर, रोहतक, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, विरार, विशाखापत्तनम आदि 72 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in