केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से पता चला है कि देश के 55 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में नाहरलगुन की स्थिति सबसे अच्छी है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 13 दर्ज किया गया है।
वहीं 125 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे दर्ज किया गया है। इन शहरों में कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड़, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झांसी, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मेरठ आदि शहर शामिल रहे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 0.8 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में धनबाद की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 135 दर्ज किया गया है। यदि नाहरलगुन से तुलना करें तो धनबाद में प्रदूषण का स्तर 10 गुणा ज्यादा है। इसी तरह देश के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में बिहार शरीफ, औरंगाबाद (बिहार), क्योंझर, पानीपत, रायचुर, चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर, दुर्गापुर, हावेरी, विरार, सिंगरौली, बालासोर, डूंगरपुर, गुरूग्राम, भोपाल, दौसा, विशाखापत्तनम, नागौर और नयागढ़ शामिल थे।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक में सात अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद सूचकांक गिरकर 53 पर पहुंच गया। इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी 10 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 96 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है।
कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में करीब आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दें कि देश में दुर्गापुर, एलूर, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हावेरी, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, नगांव, नागौर, नयागढ़, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायचुर, रायरंगपुर, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुपति आदि कई शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।
दूसरी तरफ देश के पांच शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बिहार शरीफ, धनबाद, क्योंझर और पानीपत शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले इन शहरों की संख्या में करीब 17 फीसदी की गिरावट आई है। कुल मिलकर कहें तो कल से देश की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 229 में से 126 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 98 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 07 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 91 दर्ज किया गया था। पांच शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में धनबाद (135) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (53) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से सात अंकों की गिरावट आई है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 60, गाजियाबाद में 43, गुरुग्राम में 81, नोएडा में 40, ग्रेटर नोएडा में 65 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 38 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 56, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 40, हैदराबाद में 56, जयपुर में 61 और पटना में 71 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 126 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, आइजोल, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बहादुरगढ़, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड़, हसन, हिसार, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, झांसी, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, काशीपुर, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, मदिकेरी, महाड, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामानगर, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सांगली, सासाराम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरसा, सोलापुर, सोनीपत, टेन्सा, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तुमकुरु, विजयपुरा, विजयवाड़ा, वृंदावन, यमुनानगर शामिल रहे।
वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमृतसर, अनंतपुर, अररिया, आसनसोल, बद्दी, बागलकोट, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फरीदाबाद, गांधीनगर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हावेरी, हैदराबाद, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कानपुर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, नगांव, नागौर, नयागढ़, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, रायचुर, रायरंगपुर, सागर, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, शिवसागर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विरार, विशाखापत्तनम आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।