दिल्ली-फरीदाबाद में फिर बिगड़ी हवा, साफ हवा वाले शहरों में भी आई 26 फीसदी की गिरावट

ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 97 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया। हालांकि कल से इनकी संख्या में 26 फीसदी की गिरावट आई है
फोटो: विकास चौधरी
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दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में एक बार फिर इजाफा देखा गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई में 51 अंकों का उछाल आया है। इसके बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है। ऐसा ही कुछ फरीदाबाद में भी देखने को मिला है, जहां प्रदूषण के स्तर में 14 अंकों का इजाफा हुआ है। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 97 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया। इन शहरों में पालकालाइपेरुर की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां एक्यूआई 12 दर्ज किया गया है।

इसी तरह प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति आदि शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 26 फीसदी की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ देश में हाजीपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां एक्यूआई 186 दर्ज किया गया है। देश के सबसे साफ शहर पालकालाइपेरुर से तुलना करें तो हाजीपुर में स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में भागलपुर, मंडी गोबिंदगढ़, गाजियाबाद, तालचेर, सिवान, बिलीपाड़ा, दिल्ली, बागपत, गुरूग्राम शामिल थे।

देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है, उनमें जोधपुर, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, महाड, मांडीखेड़ा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर आदि 118 शहर शामिल थे। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 22 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दिल्ली के साथ-साथ देश के 30 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इन शहरों में अररिया, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बारबिल, बारीपदा, भागलपुर, भिवाड़ी, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, छाल, दिल्ली, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, इंफाल, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पंचकुला, पटना, रायचुर, राउरकेला, सिवान, श्रीगंगानगर, तालचेर शामिल थे। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 233 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश के करीब 40 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि 48 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं 12 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 97 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 97 दर्ज किया गया था। 30 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (186) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (127) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 51 अंकों का उछाल आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 76, गाजियाबाद में 154, गुरुग्राम में 124, नोएडा में 120, ग्रेटर नोएडा में 114 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 43 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 100, हैदराबाद में 61, जयपुर में 98 और पटना में 121 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 97 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, ग्वालियर, हसन, हावेरी, हुबली, इंदौर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कारवार, कोलार, कोप्पल, लुधियाना, मदिकेरी, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सलेम, सांगली, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वापी, वाराणसी, विरुधुनगर, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धौलपुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, महाड, मांडीखेड़ा, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पलवल, पानीपत, पटियाला, पीथमपुर, पुणे, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रोहतक, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 118 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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