
प्रदूषण के मामले में आज फिर उत्तर प्रदेश का बागपत शहर अव्वल है, हालांकि कल से वहां प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बागपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें कल से 52 अंकों की गिरावट आई है।
बागपत की तरह ही भिवाड़ी में भी हवा खराब बनी हुई है, जो आज प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है। भिवाड़ी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 232 दर्ज किया गया है।
दौसा में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है। वहां एक्यूआई 227 दर्ज किया गया है। इसी तरह 222 अंकों के साथ सिंगरौली प्रदूषण के मामले में चौथे स्थान पर है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही 15 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 पर पहुंच गया है।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली आज पांचवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह सिवान (204) छठे, जबकि ग्वालियर (195) सातवें स्थान पर है। वहीं देश के प्रदूषित शहरों की लिस्ट में गाजियाबाद, बर्नीहाट और हनुमानगढ़ भी शामिल हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली समेत छह शहरों में हवा खराब बनी हुई है। राहत की बात यह रही कि कल से खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज फिर रूपनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है। रूपनगर की तरह ही देश के 32 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में कटिहार, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पूर्णिया, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सूरत, ठाणे, तिरुनेलवेली, वापी आदि शामिल हैं।
चिंता की बात है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
अहमदाबाद सहित देश के 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि शहर शामिल हैं। साफ हवा वाले शहरों की तरह ही कल से संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों पर नजर डालें तो आगरा सहित देश के छोटे बड़े 76 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे आदि शामिल हैं। देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश के 14 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है, जबकि 50 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ देश के करीब 36 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता चिंताजनक बनी हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 228 में से महज 33 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 121 दर्ज किया गया था।
76 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बागपत (245) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल भी बागपत में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 297 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 15 अंकों के इजाफे के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 219 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सिंगरौली चौथे स्थान पर है, वहीं भिवाड़ी (232) दूसरे, जबकि दौसा (227) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 195, गाजियाबाद में 189, गुवाहाटी में 113, हापुड में 114, नोएडा में 165, ग्रेटर नोएडा में 170 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 57 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 121, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 119, हैदराबाद में 87, जयपुर में 154 और पटना में 101 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, बारीपदा, बेलगाम, बोईसर, चामराजनगर, चिक्कामगलुरु, गडग, हुबली, कटिहार, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पूर्णिया, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सूरत, ठाणे, तिरुनेलवेली, वापी, विरार शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, बालासोर, बारबिल, बरेली, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, मदुरै, महाड, मंगलौर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 113 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।