देश के 104 शहरों में हवा बेहतर है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे कम है; फोटो: आईस्टॉक
देश के 104 शहरों में हवा बेहतर है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे कम है; फोटो: आईस्टॉक

अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं वायु प्रदूषण, छोटे शहरों में बिगड़ रही वायु गुणवत्ता

बारिश के बाद दिल्ली-फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में अच्छा खासा सुधार आया है। फरीदाबाद में तो हवा 'बेहतर' हो गई है। वहीं दिल्ली में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है
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देश के बड़े शहरों को पीछे छोड़ छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में बाड़मेर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां प्रदूषण का स्तर वायु गुणवत्ता सूचकांक पर 269 तक पहुंच गया है।

कुछ ऐसा ही हाल भागलपुर और बीकानेर का भी है, जो प्रदूषण के मामले में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वहीं दूसरी तरफ देश में फिरोजाबाद की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 17 दर्ज किया गया है। यदि बाड़मेर में पसरे प्रदूषण की तुलना फिरोजाबाद से करें तो स्थिति करीब 16 गुणा खराब है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो बारिश के बाद प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है, जिसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 अंक गिरकर 61 पर पहुंच गया है। साल में यह तीसरा मौका है जब दिल्ली में हवा इतनी साफ हुई है। इसी तरह फरीदाबाद के प्रदूषण में भी 69 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई है। गौरतलब है कि फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता बेहतर हो गई है।

बता दें कि ऐसे कम ही दिन होतें हैं जब दिल्ली एनसीआर में हवा इतनी साफ होती है। आंकड़ें भी पुष्टि करते हैं कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 104 दर्ज की गई है।

इन शहरों में बरेली, बारीपदा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिक्कबल्लापुर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गाजियाबाद, गुवाहाटी, हाजीपुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, झांसी, झुंझुनू, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार शामिल थे।

दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब तीन फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या घटकर 108 पर आई गई है। इन शहरों में चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दिल्ली, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, इम्फाल, इंदौर, जालंधर आदि शहर शामिल थे।

देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 38 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। इन शहरों में चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दिल्ली, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, इम्फाल, इंदौर, जालंधर आदि शहर शामिल थे। कुल मिलकर देखें तो देश में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है। हालांकि छोटे शहरों में स्थिति खराब बनी हुई है।

भारत में प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन चुका है। लैंसेट ने अपनी एक नई रिपोर्ट में खराब हवा से हर साल होने वाली मौतों का जो आंकड़ा जारी किया है, वो बेहद डराने वाला है। जर्नल लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित इस रिपोर्ट का कहना है कि भारत के 10 शहरों में होने वाली सात फीसदी मौतों के लिए वायु प्रदूषण ही जिम्मेवार है, जो सालाना 33 हजार भारतीयों की जान ले रहा है।

दावा है कि इन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर भारत में साफ हवा के लिए तय मानकों से भी नीचे है। वहीं यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों की बात करें तो यह प्रदूषण उससे कही ज्यादा है। इन शहरों में अहमदाबाद बंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, शिमला और वाराणसी शामिल हैं।

ऐसे में इस रिपोर्ट में देश के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को और ज्यादा मजबूत करने की जरूरत जाहिर की गई है। इस अध्ययन के दौरान दिल्ली में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रहा, जहां वायु प्रदूषण हर साल 12,000 जिंदगियों को निगल रहा है, जो इन शहरों में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों का करीब 11.5 फीसदी है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 जुलाई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 226 में से 104 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 जुलाई 2024 यह आंकड़ा 111 दर्ज किया गया था। 13 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में बाड़मेर (269) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 47 अंक गिरकर 61 पर पहुंच गया।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 42, गाजियाबाद में 46, गुरुग्राम में 100, नोएडा में 48, ग्रेटर नोएडा में 64 पर पहुंच गया है। देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 41, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 51, हैदराबाद में 50, जयपुर में 50 और पटना में 51 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 104 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अरियालुर, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चिक्कबल्लापुर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धौलपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गाजियाबाद, गुवाहाटी, हाजीपुर, हैदराबाद, जबलपुर, जयपुर, झांसी झुंझुनू, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, ल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाद, मंडीखेड़ा, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागांव, नलबाड़ी, नासिक, नयागढ़, नोएडा, ऊटी, पलकलाईपेरुर, पलवल, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, ऋषिकेश, रूपनगर, सांगली, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, टोंक, वापी, वाराणसी, वेल्लोर, विरुधुनगर, यादगीरविरुधुनगर, यादगीर, शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बल्लभगढ़, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चेन्नई, चिक्कमगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, दिल्ली, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडीपोंडी, गुरुग्राम, ग्वालियर, हल्दिया, हापुड़, हिसार, हावड़ा, हुबली, इम्फाल, इंदौर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालोर, आदि आदि 108 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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