अमृतसर सहित देश के 62 फीसदी शहरों में हवा साफ, कल से तीन फीसदी का हुआ इजाफा

देश में आज रूपनगर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 दर्ज किया गया है
अमृतसर सहित देश के 62 फीसदी शहरों में हवा साफ, कल से तीन फीसदी का हुआ इजाफा
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देश के 205 शहरों में आज शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 10 रिकॉर्ड किया गया है।

शिलांग की तरह ही आज देश के करीब 62 फीसदी यानी 127 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में तीन फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 27 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के चार फीसदी शहरों में हवा चिंताजनक है। इन शहरों में रूपनगर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 140 दर्ज किया गया है।

इस दौरान रूपनगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी थे। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो रूपनगर में प्रदूषण का स्तर मानकों से 211 फीसदी अधिक है।

इसी तरह 137 अंकों के साथ श्रीगंगानगर प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है। वहीं ग्रेटर नोएडा (126) तीसरे जबकि छपरा (114) चौथे पायदान पर बने हुए हैं। इंफाल में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 110 अंकों के साथ आज देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह जयपुर (109), अगरतला (107), बद्दी (104) और गाजियाबाद (104) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो इस दौरान जहां रूपनगर, ग्रेटर नोएडा, अगरतला, बद्दी, गाजियाबाद आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है। वहीं श्रीगंगानगर में पीएम2.5 जबकि छपरा, जयपुर में एनओ2 हावी है।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली की तरह ही आज देश के 69 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, कडपा, कल्याण, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नलबाड़ी, नोएडा, पटना आदि शामिल हैं।

हालांकि चिंता की बात है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश में अगरतला सहित नौ शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बद्दी, छपरा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जयपुर, रूपनगर, श्रीगंगानगर भी शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 29 फीसदी का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण के मुताबिक आज जहां देश के करीब 62 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 34 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है जबकि दूसरी तरफ चार फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 205 में से 127 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 69 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 26 जुलाई 2025 को यह आंकड़ा 76 दर्ज किया गया था।

9 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में रूपनगर (140) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 150 के करीब पहुंच गया। कल नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 176 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में एक अंक का मामूली इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 85 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में आज भी वायु गुणवत्ता सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज छपरा चौथे स्थान पर है, वहीं श्रीगंगानगर (137) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (126) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 56, गाजियाबाद में 104, गुवाहाटी में 35, हापुड में 55, नोएडा में 97, ग्रेटर नोएडा में 126 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 61, हैदराबाद में 56, जयपुर में 109 और पटना में 53 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 127 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, छाल, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गोरखपुर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कांचीपुरम, कानपुर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उदयपुर, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अलवर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, चित्तूर, दौसा, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, कडपा, कल्याण, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नगांव, नलबाड़ी, नोएडा, पटना, पीथमपुर, राजगीर, राजसमंद, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, सीकर, सिलचर, तुमिडीह, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा आदि 69 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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