
आज प्रदूषण से देश में गुरूग्राम की हवा सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 246 पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 11 जून 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इस दौरान गुरुग्राम की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे।
वहीं कल अंडमान निकोबार की राजधानी श्री विजया पुरम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। हालांकि कल से आज श्री विजया पुरम की हवा में 239 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा हुआ है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 245 पर पहुंच गया। बता दें कि प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे पायदान पर है। इसी तरह 212 अंकों के साथ राजस्थान का उदयपुर शहर तीसरे स्थान पर है, जहां दिल्ली-गुरुग्राम की तरह ही वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। हालांकि कल से देखें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में 57 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।
देश में आज भिवाड़ी (193) आज चौथा जबकि नोएडा (192) पांचवां सबसे प्रदूषित शहर है। मंडी गोबिंदगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 191 अंकों के साथ छठे स्थान पर है। बद्दी (189) सातवें, गाजियाबाद (176) आठवें, और खन्ना (169) नौवें स्थान पर विराजमान है। दस प्रदूषित शहरों की इस लिस्ट में बुलन्दशहर (165) भी शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के 17 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 51 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। दूसरी तरफ देश के करीब 32 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो चुरू सहित देश के छोटे बड़े 65 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई है। इन शहरों में आगरा, अमृतसर, अंगुल, बद्दी, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, भरतपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, छपरा, चुरू, दमोह, दौसा, देहरादून, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, झांसी, झुंझुनूं, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, ऋषिकेश, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टोंक, विशाखापत्तनम आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि खराब हवा वाले शहरों की तरह ही आज देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी करीब नौ फीसदी की गिरावट आई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश में दिल्ली, उदयपुर, गाजियाबाद, भोपाल, चंडीगढ़, गुवाहाटी, ग्वालियर आदि शहरों की हवा में ओजोन हावी है। वहीं भिवाड़ी, मंडी गोबिंदगढ़, खन्ना, बुलन्दशहर, जलना, लखनऊ, बठिंडा, पटियाला आदि में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है।
आंकड़ों के मुतबिक आइजोल सहित आज देश के महज 37 शहरों में हवा साफ है।
इन शहरों में कोयंबटूर, कुड्डालोर, डिंडीगुल, एलूर, हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नलबाड़ी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का उछाल आया है।
इसी तरह देश में छोटे-बड़े 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। इन शहरों में नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 214 में से 37 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 जून 2025 को यह आंकड़ा 110 दर्ज किया गया था।
65 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (246) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया। कल श्री विजया पुरम में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 282 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 30 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 245 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज भिवाड़ी चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (245) दूसरे, जबकि उदयपुर (212) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 141, गाजियाबाद में 176, गुवाहाटी में 151, गुरूग्राम में 246, नोएडा में 192, ग्रेटर नोएडा में 155 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 153, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 160, हैदराबाद में 79, जयपुर में 117 और पटना में 134 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 37 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, डिंडीगुल, एलूर, हसन, हुबली, कलबुर्गी, करूर, कोल्हापुर, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मैसूर, नलबाड़ी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रामनगर, रामनाथपुरम, शिलांग, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश) , अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, कडपा, कल्याण, क्योंझर, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नगांव, नागपुर, नमक्कल, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, वृंदावन, यादगीर आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।