
देश में आज एक बार फिर श्रीगंगानगर की हवा सबसे खराब रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 207 दर्ज किया गया। हालांकि कल से श्रीगंगानगर की वायु गुणवत्ता में 14 अंको का सुधार आया है। लेकिन इसके बावजूद वहां वायु गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इस दौरान श्रीगंगानगर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे।
श्रीगंगानगर में प्रदूषण कितना ज्यादा है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां हवा में पीएम2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानकों से 1280 फीसदी अधिक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 अगस्त को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के 33 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं करीब 59 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ करीब 8 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
चिंता की बात है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी की गिरावट आई है।
इसी तरह प्रदूषण के मामले में आज कल्याण (161) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा (135) तीसरे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति दौसा की भी है, जो 132 अंकों के साथ देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। चंद्रपुर (116) और बिलीपाड़ा (115) में भी हालात खास अच्छे नहीं जो आज पांचवें और छठे पायदान पर हैं। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (114), बर्नीहाट (113), छपरा (113) और गाजियाबाद (113) भी शामिल हैं।
कल्याण, ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण मानकों से 200 फीसदी अधिक है।
रुझानों से पता चला है कि आज देश में श्रीगंगानगर, बर्नीहाट आदि की हवा में पीएम2.5 हावी है। वहीं कल्याण, ग्रेटर नोएडा, दौसा, चंद्रपुर, बिलीपाड़ा, बद्दी, गाजियाबाद, कटनी, बारबिल, नोएडा, चुरू, रायरंगपुर, क्योंझर, सांगली, अंकलेश्वर आदि में स्थिति पीएम10 से चिंताजनक बनी हुई है।
वहीं इन शहरों के उलट आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्रीगंगानगर की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।
शिलांग की तरह ही आज देश के 76 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में बेंगलुरु, भरतपुर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावेरी, हुबली, जलना, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, कारवार, काशीपुर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै आदि शामिल हैं।
हालांकि चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही 19 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर संतोषजनक हो गई है।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 138 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी आदि शामिल हैं।
राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ आज देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में अंकलेश्वर, बद्दी, बारबिल, बिलीपाड़ा, बर्नीहाट, चंद्रपुर, छपरा, चुरू, दौसा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, कल्याण, कटनी, क्योंझर, नोएडा, रायरंगपुर, सांगली शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 232 में से 76 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 138 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 04 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 127 दर्ज किया गया था।
17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (207) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 230 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 19 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 97 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में आज एक बार फिर वायु गुणवत्ता सूचकांक मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दौसा चौथे स्थान पर है, वहीं कल्याण (161) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (135) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 64, गाजियाबाद में 113, गुवाहाटी में 50, हापुड में 62, नोएडा में 106, ग्रेटर नोएडा में 135 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 45, चेन्नई में 65, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 82, जयपुर में 100 और पटना में 59 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 76 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, आरा, बागलकोट, बारां, बरेली, बेगूसराय, बेंगलुरु, भरतपुर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, डिंडीगुल, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, हाजीपुर, हावेरी, हुबली, जलना, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, कारवार, काशीपुर, खुर्जा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सलेम, शिलांग, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सिवान, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अंगुल, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, कटक, दमोह, दिल्ली, देवास, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कडपा, कांचीपुरम, कन्नूर, करूर, कटिहार, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 138 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।