देश के 28 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण से हालत चिंताजनक बने हुए हैं। इन शहरों में आज फिर इंफाल में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 301दर्ज क्या गया है। मतलब की इंफाल की फिजाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। इसी तरह आरा (258) में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है।
वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों को देखें तो उनमें इंफाल और आरा के साथ-साथ पीथमपुर, उज्जैन, दुर्गापुर, देवास, बर्नीहाट, हापुड, सिंगरौली और रतलाम शामिल हैं। दूसरी तरफ देश में आज फिर रामनाथपुरम में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई का स्तर 16 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर इम्फाल की तुलना रामनाथपुरम से करें तो स्थिति 18 गुणा ज्यादा खराब है।
सरकार द्वारा जारी ताजा रुझानों से पता चला है कि देश में रामनाथपुरम के साथ-साथ 70 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कारवार, कोलार, कोलकाता, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिल्ली की बात करें तो वहां अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। जहां नौ अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 141 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद वहां 12 अंकों के सुधार के बाद वहां एक्यूआई का स्तर घटकर 84 रह गया है। फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता अभी भी संतोषजनक बनी हुई है।
फरीदाबाद की तरह ही देश के 108 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। इन शहरों में मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला आदि शहर शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं आया है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
ताजा रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दिल्ली की तरह ही देश के 63 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बठिंडा, बेतिया, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, बूंदी, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, दिल्ली, धारूहेड़ा, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोटा, कुंजेमुरा, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नोएडा, पाली, पटना, प्रतापगढ़, पूर्णिया, रायचुर, रतलाम, सागर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, सिवान, टोंक आदि शहर शामिल थे।
हालांकि कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में करीब दस फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में 28 फीसदी से ज्यादा शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। वहीं 43 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के 28 फीसदी से अधिक शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। कुल मिलाकर देखें तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 251 में से 71 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 109 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 109 दर्ज किया गया था। 64 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में इंफाल (301) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (141) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से नौ अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 84, गाजियाबाद में 159, गुरुग्राम में 99, नोएडा में 128, ग्रेटर नोएडा में 139 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 94, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 94, हैदराबाद में 54, जयपुर में 110 और पटना में 132 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 71 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अनंतपुर, बागलकोट, बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बेगूसराय, भुवनेश्वर, बीदर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, धुले, गडग, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावड़ा, हुबली, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कारवार, कोलार, कोलकाता, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मैसूर, नगांव, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, पंचकुला, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, सोलापुर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, अहमदनगर, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हावेरी, हिसार, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झांसी, कैथल, करनाल, करूर, क्योंझर, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मानेसर, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नलबाड़ी, नारनौल, पानीपत, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोनीपत, श्रीगंगानगर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, तिरुपुर, उदयपुर, वाराणसी, वातवा, विरार, वृंदावन, यमुनानगर आदि 109 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।