गेहूं संकट: उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान में 4.4 फीसदी की गिरावट

मार्च-अप्रैल की तेज गर्मी की वजह से गेहूं के उत्पादन में कमी का अनुमान लगाया जा रहा है
गेहूं संकट: उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान में 4.4 फीसदी की गिरावट
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने साल 2021-22 में मुख्य फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। इसके मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं के उत्पादन में 2.90 फीसदी कमी रह सकती है। और अगर फरवरी 2022 में जारी दूसरे अग्रिम अनुमान से तुलना की जाए तो गेहूं के उत्पादन में 4.41 प्रतिशत की कमी रह सकती है।

मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि फसल सीजन 2021-22 में गेहूं का उत्पादन 106.41 मिलियन (10.64 करोड़) टन रह सकता है। जबकि पिछले साल गेहूं का उत्पादन 109.59 मिलियन टन रहा था।

इतना ही नहीं, 16 फरवरी 2022 को जारी मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान में कहा गया था कि साल 2021-22 में गेहूं का उत्पादन 111.32 मिलियन टन हो सकता है। जबकि साल का पूरा लक्ष्य 110 मिलियन टन रखा गया था।

गेहूं के उत्पादन को लेकर अब जो अनुमान लगाया गया है, वह दो साल यानी 2019-20 में हुए गेहूं के उत्पादन से भी कम है। 2019-20 में 107.86 मिलियन टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

इस तरह हर साल हो रहे गेहूं के बंपर उत्पादन का सिलसिला रूक गया है। इसकी प्रमुख वजह मार्च और अप्रैल महीने में पड़ी भीषण गर्मी बताया जा रहा है। विशेषज्ञ भी चेता रहे हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते असर की वजह से आने वाले सालों में गेहूं के उत्पादन में लगातार गिरावट आएगी। डाउन टू अर्थ ने भी कुछ समय पहले गेहूं के उत्पादन में कमी का अनुमान लगाया था और पंजाब, हरियाणा के किसानों को नुकसान की रिपोर्ट की थी। 

सरकार ने रबी सीजन में होने वाले धान के उत्पादन में कमी का अनुमान लगाया है। दूसरे अग्रिम अनुमान में रबी सीजन में 18.39 मिलियन टन धान के उत्पादन की बात कही गई थी, लेकिन तीसरे अग्रिम अनुमान में इसे घटा कर 18.62 मिलियन टन कर दिया गया है। पिछले साल (2020-21) में रबी सीजन में 19.16 मिलियन टन धान का उत्पादन हुआ है।

हालांकि खरीफ सीजन की धान के उत्पादन के अनुमान में वृद्धि कर दी गई है। दूसरे अग्रिम अनुमान में कहा गया था कि 109.54 मिलियन टन धान का उत्पादन हो सकता है, इसे तीसरे अनुमान में बढ़ाकर 111.04 मिलियन टन कर दिया गया है।

मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि देश में खाद्यान्न का उत्पादन रिकॉर्ड 314.51 मिलियन टन होने का अनुमान है जो 2020-21 के दौरान खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 3.77 मिलियन टन अधिक है। 2021-22 के दौरान उत्पादन पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 23.80 मिलियन टन अधिक है।

मंत्रालय के मुताबिक चावल, मक्का, दालें, तिलहन, चना, रेपसीड और सरसों और गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन अनुमानित है।

तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2021-22 के दौरान पोषक तत्व / मोटे अनाज 50.70 मिलियन टन, मक्का 33.18 मिलियन टन, दलहन 27.75 मिलियन टन, तुअर4.35 मिलियन टन, चना 13.98 मिलियन टन, तिलहन 38.50 मिलियन टन, मूंगफली 10.09 मिलियन टन, सोयाबीन 13.83 मिलियन टन, रेपसीड और सरसों 11.75 मिलियन टन, गन्ना 430.50 मिलियन टन, कपास 31.54 मिलियन गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम), जूट और मेस्टा 10.22 मिलियन गांठें (प्रत्येक 180 किग्रा) उत्पादन रहने का अनुमान है।

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