फसलों की बेहतर सेहत के लिए आईआईटी खड़गपुर ने बनाया स्मार्ट फार्मबॉट

इस स्मार्ट रोबोटिक प्रणाली का उद्देश्य पौधों में बीमारियों की सटीकता से पहचान कर, कीटनाशकों का उचित और सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करना है
आईआईटी खड़गपुर
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तकनीकी दौर में भारत का कृषि क्षेत्र अब पहले से स्मार्ट होने जा रहा है। जल्द ही खेतों में किसानों के साथ स्मार्ट रोबोट भी नजर आएंगे, जो पौधों में बीमारी की पहचान कर खुद-ब-खुद सटीक दवा का छिड़काव करेंगें। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत है। और इसके आईआईटी खड़गपुर के इंजीनियरों ने सच कर दिखाया है।

बता दें कि आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने एक ऐसा कृषि रोबोटिक सिस्टम तैयार किया है, जो खेत में जाकर खुद पौधों की बीमारी पहचानता है और सटीक तरीके से दवा का छिड़काव भी करता है।

इस सेमी-ऑटोमैटिक ट्रैक्ड मोबाइल मैनिपुलेटर कम एग्रीकल्चरल रोबोटिक सिस्टम को प्रोफेसर दिलीप कुमार प्रतिहार के नेतृत्व में पीएचडी और प्रोजेक्ट छात्रों की एक टीम ने डिजाइन और विकसित किया है। इस इनोवेशन के लिए प्रोफेसर प्रतिहार, प्रदीप नाहक, अतनु जाना और अन्य को भारत सरकार की ओर से पेटेंट भी मिल चुका है।

इस स्मार्ट रोबोटिक प्रणाली का उद्देश्य पौधों में बीमारियों की पहचान कर, उचित और सुरक्षित कीटनाशक का उपयोग सुनिश्चित करने में किसानों के बार-बार सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।

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क्यों खास है ये रोबोट?

भारत में खेती की जमीन न तो पूरी तरह समतल होती है और न ही बेहद ऊबड़-खाबड़। इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए प्रोफेसर प्रतिहार ने एक ऐसे ट्रैक-आधारित मोबाइल रोबोटिक सिस्टम की कल्पना की, जो खेतों में आसानी से चल सके। ट्रैक्टर जैसे इस वाहन में एक रोबोटिक भुजा लगी होती है, जो इंसानी हाथ जैसी होती है। इसे विशेष रूप से फील्ड नेविगेशन और सटीकता से काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।

गौरतलब है कि प्रोफेसर प्रतिहार ने इस उन्नत कृषि रोबोट का विचार सबसे पहले साल 2018 में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग, कोलकाता द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार में अपने व्याख्यान के दौरान प्रस्तुत किया था।

आईआईटी खड़गपुर द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक भले ही ड्रोन आधारित कृषि रोबोट लोकप्रिय हो रहे हैं, लेकिन कई मामलों में जमीन पर चलने वाले रोबोट ज्यादा कारगर है। उड़ते समय ड्रोन से पैदा होने वाली तेज हवा के कारण पत्तों की साफ तस्वीरें लेना मुश्किल हो जाता है। इससे बीमारी की सही पहचान करना मुश्किल हो जाता है।

किसानों का नया साथी

इस कमी को दूर करने के लिए यह नया जमीन पर चलने वाला ट्रैक्ड मोबाइल रोबोट बनाया गया है, जो कैमरे से पत्तियों की तस्वीर लेकर  इमेज प्रोसेसिंग की मदद से बीमारी की सटीकता से पहचान करता है और फिर अपने आप उसी हिसाब से दवा का छिड़काव करता है।

इस प्रणाली का उद्देश्य किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव से होने वाले स्वास्थ्य खतरों से सुरक्षित रखना और साथ ही खाद्य गुणवत्ता तथा कृषि उत्पादन में भी सुधार लाना है।

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फसलों को बीमारियों से बचाकर कृषि नुकसान को कम किया जा सकता है। इससे न केवल पैदावार बढ़ती है बल्कि लागत में भी कमी आती है। नतीजतन, किसानों की आय बढ़ती है और देश की आर्थिक मजबूती व समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।

उम्मीद है कि आईआईटी खड़गपुर की यह खोज न सिर्फ खेती को स्मार्ट बनाएगी, बल्कि आने वाले समय में भारत की कृषि क्रांति का नया अध्याय लिखने में भी मदद करेगी।

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