मंत्री जी के छापों के बाद भी नहीं थम रहा नकली खाद व बीज का कारोबार

राजस्थान में नकली बीज व खाद की वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा निरंतर छापे मार कर नकली खाद व बीज के कारोबारियों को पकड़ रहे हैं। फोटो: एक्स
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा निरंतर छापे मार कर नकली खाद व बीज के कारोबारियों को पकड़ रहे हैं। फोटो: एक्स
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सारांश
  • राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने नकली खाद और बीज के खिलाफ कई छापे मारे

  • यह कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है

  • किसानों को नकली उर्वरक और बीज मिलने से उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं

  • नकली उत्पादों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरकता भी प्रभावित हो रही है

राजस्थान के गंगानगर जिले में पदमपुर के रहने वाले किसान अमृतपाल सिंह ने एक माह पहले अपने खेत में लगी नरमा (कपास) व मूंग फसल में रासायनिक उर्वरक डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) का छिड़काव किया था, लेकिन जब सप्ताह बाद भी फसल में किसी तरह की वृद्धि नहीं हुई तो वह चिंतित हो गए। तब उन्हें लगा कि बाजार से उन्होंने जो डीएपी खरीदी थी, वह नकली थी।

अमृत की आशंका उस वक्त मजबूत हो गई, जब दो अन्य किसान सुखदीप व नवजोत की समस्या भी एक जैसी निकली। बाद में पता चला कि उनके जैसे किसानों की संख्या और ज्यादा है। इसके बाद अमृत, सुखदीप व नवजोत ने स्थानीय पदमपुर पुलिस थाने में खाद विक्रेता के खिलाफ नकली डीएपी बेचने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इस रिपोर्ट में 35 से अधिक किसानों ने हस्ताक्षर किए।  

किसानों की शिकायत थी कि उन्होंने जब विक्रेता से उर्वरक खरीद का बिल मांगा तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि कुछ समय बाद बिल मिल जाएगा। व्यतिगत व्यवहार के कारण किसानों को भी असामान्य नहीं लगा। बाद में किसानों को पता लगा कि उन्हे बड़ी कंपनी के लेबल लगा नकली डीएपी बेचा गया है।

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अमृत कहते हैं, “इन दुकानों से इससे पहले भी उन्होंने रासायनिक स्प्रे खरीदा था, लेकिन खेत में छिड़काव करने के बाद फसल पर कुछ भी असर नहीं हुआ”।

खेत में हाइब्रिड बीज व महंगे रासायनिक उर्वरकों के उपयोग करने के बाद भी उत्पादन में बढ़ोतरी न होने की शिकायत काफी बढ़ गई तो राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने खुद 29 सितंबर 2025 को रात के वक्त बीकानेर जिले के गजनेर व कोलायात में खाद के गोदाम में अचानक पहुंचकर नकली खाद की 64 हजार बोरी जब्त की। इन गोदामों मे नकली डीएपी बनाई जा रही थी।

इससे पहले मीणा ने 28 सितंबर को हनुमानगढ़ जिले की संगरिया में बीज बनाने वाली कंपनी स्टार एग्री सीड्स प्राइवेट लिमिटेड में औचक निरीक्षण किया। जिसमें पाया कि गेहूं, सरसों व अन्यों फसलों के बीज के पैकेटों पर अन्य कंपनियों के लेबल लगे हुए थे और लैब संबंधित रिपोर्ट नदारद थी। मीणा ने यहां भी कार्रवाई करने के आदेश दिए।

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खास बात यह है कि मीणा ने इससे पहले 29 मई 2025 को राजस्थान के किशनगढ़ में छापा मारकर बजरी, मार्बल पत्थर का अपशिष्ठ व बालू रेत से नकली खाद बनाने वाली 13 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। ये कंपनियां नकली खाद बनाकर फर्जी लेबल करके देश के 16 राज्यों में खाद की सप्लाई कर रही थी।

इसी तरह कृषि मंत्री ने 3 व 4 जून 2025 को राजस्थान के गंगानगर जिले में नकली बीज तैयार करने वाली 15 कंपनियों पर धावा बोला था। यह कंपनियां सामान्य बीज पर विभिन्न रंग पोत कर अमानक हाइब्रिड बीजों का आवरण देकर बाजार में बेच रही थीं।

इसके महज कुछ दिन यानि 11 जून को मंत्री मीणा ने आधी रात को राजधानी जयपुर के बगरु में नकली कीटनाशक बनाने वाली तीन कंपनियों पर कार्रवाई की थी। जहां नकली कीटनाशक बनाकर राज्य व अन्य राज्यों में बेचा जा रहा था। कृषि मंत्री के लगातार धावों के बावजूद नकली व अमानक बीज व खाद विक्रेताओं की सक्रियता कम नहीं हो रही है।

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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से शोधार्थी रहे व कृषि संकाय के शस्य विभाग में सहायक आचार्य संदीप गावड़िया ने बताया कि नकली उर्वरक व अमानक बीज का उपयोग करने से किसान को उत्पादन तो कम प्राप्त होता ही है व अमानक हाइब्रीड बीज पर पोता गया रंग व उर्वरक मे उपयोग किए गए भारी तत्वों से मिट्टी की उर्वरकता क्षमता बिगड़ेगी व मिट्टी की प्रोफाइल के विभिन्न संस्तरो के व्यवहार में बदलाव आएगा। इसके साथ मिट्टी में पहले से मोजूद तत्व व जल प्रदूषित होंगे।

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