अमोनिया गैस रिसाव से बचाव की योजना के बिना नहीं चलने चाहिए कोल्ड स्टोरेज: यूपीपीसीबी

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
अमोनिया गैस रिसाव से बचाव की योजना के बिना नहीं चलने चाहिए कोल्ड स्टोरेज: यूपीपीसीबी
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उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने हाथरस में आलू के लिए बनी कोल्ड स्टोरेज इकाइयों पर अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी है। इस रिपोर्ट में यूपीपीसीबी ने सिफारिश की है कि अमोनिया गैस रिसाव से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन योजना के बिना इन कोल्ड स्टोरेज को नहीं चलाया जाना चाहिए।

मामला उत्तरप्रदेश में हाथरस की सादाबाद तहसील का है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीपीसीबी ने सात कोल्ड स्टोरेज इकाइयों को तुरंत आपदा प्रबंधन योजना प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया है।

साथ ही यूपीपीसीबी ने सिफारिश की है कि कोल्ड स्टोरेज के संचालन के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी बेकार आलू कोल्ड स्टोरेज या किसी खुली भूमि और उसके आसपास में न फेंका जाए। बेकार आलुओं के निपटान के लिए कोल्ड स्टोरेज को आस-पास की गौशालाओं के साथ टाईअप करना चाहिए और उसका रिकॉर्ड रखना चाहिए।

यूपीपीसीबी ने जब इन कोल्ड स्टोरेज इकाइयों का दौरा किया तो पाया कि कोई भी खराब आलू कोल्ड स्टोरेज के अंदर या बाहर डंप नहीं किया गया था। साथ ही उससे कोई दुर्गंध भी नहीं आ रही थी। कोल्ड स्टोरेज इकाइयों के प्रतिनिधियों ने दौरा करने वाली टीम को सूचित किया कि बेकार आलू पास की गौशालाओं में भेजे गए थे, हालांकि दौरे के दौरान उनका कोई रिकॉर्ड नहीं साझा किया गया।

जानकारी दी गई है कि सभी आठ कोल्ड स्टोरेज इकाइयों में पाइपलाइन और उपकरणों से जुड़े अमोनिया गैस रिसीवर टैंक लगाए गए हैं। हालांकि, जांच के दौरान कोई सुरक्षा उपाय या सुरक्षा मास्क/सुरक्षा जूते/सुरक्षा हेलमेट जैसी सुविधाएं नहीं मिलीं, जैसा कि एनजीटी को 6 फरवरी, 2023 को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है। 

पंचकुला में प्रक्रियाधीन है घग्घर नदी फ्लड प्लेन जोन के सीमांकन का काम: रिपोर्ट

हरियाणा, सिंचाई और जल संसाधन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि पंचकुला में घग्घर नदी के फ्लड प्लेन क्षेत्र के सीमांकन और अधिसूचना का काम चल रहा है। पता चला है कि विभाग ने हल्का पटवारियों की मदद से घग्घर नदी बाढ़ क्षेत्र के पूरे हिस्से का सर्वेक्षण किया है। मामला हरियाणा में पंचकुला जिले का है।

पता चला है कि राजस्व विभाग से आवश्यक सजरा योजना यानी गांव का नक्शा प्राप्त कर लिया गया है। सजरा योजना पर सीमांकन की प्रक्रिया सात दिनों के अंदर पूरी की जाएगी और इसके बाद कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट, 1974 के तहत फ्लड प्लेन जोन की अधिसूचना की फाइल सरकार को भेजी जाएगी।

रिपोर्ट में ट्रिब्यूनल को जानकारी दी है कि घग्गर मैदान से निर्माण और विध्वंस सम्बंधित कचरे को उठा लिया गया है और उसका निपटान एचएसवीपी जिला प्रशासन और पंचकुला नगर निगम की मदद से किया गया है।

इसके अलावा नगर निगम के आयुक्त को सीसीटीवी कैमरे लगाने, नोटिस और चालान जारी करने के साथ भविष्य में घग्घर के तट पर सी एंड डी वेस्ट न डाला जाए इसके लिए कदम  उठाने के लिए कहा गया है।

वायु प्रदूषण के मामले में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना ने सीपीसीबी को सौंपे अपने एक्शन प्लान

दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी) ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत अपने स्टेट एक्शन प्लान प्रस्तुत कर दिए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने योजनाओं की समीक्षा की है और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं संबंधित राज्यों के साथ अपने विचार साझा किए हैं। वहीं तमिलनाडु से अभी कार्य योजना प्राप्त नहीं हुई है।

इस बारे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेन्नई स्थित क्षेत्रीय निदेशालय ने अपनी आठ फरवरी, 2023 को दर्ज स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि केरल और पुडुचेरी में कोई भी नॉन अटेन्मेंट शहर नहीं है, मतलब वहां कोई भी शहर ऐसा नहीं है जो पिछले पांच वर्षों की अवधि में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहा है। इसलिए इन्हें एनसीएपी के तहत कवर नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि एनजीटी द्वारा 20 जनवरी, 2023 को दिए आदेश पर सीपीसीबी ने यह रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत की है।

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