एक नए शोध के मुताबिक दुनिया भर में शार्क के पंखों (फिन) के व्यापार से 70 प्रतिशत से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है। वैज्ञानिकों ने कहा कि समुद्र तटों के करीब रहने वाले शार्क का संरक्षण सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने हांगकांग के बाजारों से 9,820 पंखों (फिन ट्रिमिंग) के नमूने लिए, शोध के मुताबिक हांगकांग दुनिया के सबसे बड़े शार्क के पंखों के व्यापार करने वाले बाजारों में से एक है।
वैज्ञानिकों ने डीएनए के नमूनों की मदद से कौन से पंख किस शार्क की प्रजाति के हैं इस रहस्य से पर्दा उठाया। उन्हें कुल मिलाकर 86 अलग-अलग प्रजातियां मिलीं। इनमें से 61, दो-तिहाई से अधिक, विलुप्त होने के कगार पर हैं।
फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एफआईयू) एफआईयू पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता और प्रमुख अध्ययनकर्ता डिएगो कार्डेनोसा ने कहा, दुनिया भर में शार्क और रे मछली की आबादी में गिरावट देखी जा रही हैं, इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण जरूरत से ज्यादा मछली पकड़ना या ओवरफिशिंग है।
उन्होंने कहा हम दुनिया भर में शार्क के पंखों के व्यापार की वजह से विलुप्त होने वाली कई प्रजातियों को ढूंढ रहे हैं। यह एक चेतावनी है जो हमें बता रही है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंधाधुंद तरीके से मछली पकड़ी जा रही है।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटेड स्पीशीज ने 2021 में शार्क और उनके रिश्तेदारों, रे मछली और चिमेरों का आकलन किया और पाया कि सभी प्रजातियों में से लगभग एक तिहाई खतरे में थी। इस नए अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि व्यापार में प्रजातियों के खतरे वाली श्रेणियों में होने की अधिक आशंका है।
डेमियन चैपमैन ने लगभग एक दशक तक मोटे के समुद्री प्रयोगशाला और एक्वेरियम में वैश्विक शार्क के पंखों के व्यापार पर नजर रखने के लिए सहयोगी टीम का नेतृत्व किया। चैपमैन शार्क और रे मछली संरक्षण कार्यक्रम के निदेशक और एफआईयू में सहायक प्रोफेसर हैं।
अब तक उन्होंने आयातित पंखों से लिए गए लगभग 10,000 छोटे टुकड़ों का डीएनए परीक्षण किया है, जो हांगकांग और दक्षिण चीन के बाजारों में बेचा जाता है। टीम का लक्ष्य बेहतर ढंग से यह समझना है कि व्यापार में कौन सी प्रजातियां हैं और वे कितनी आम हैं। समय के साथ इसे ट्रैक करके, वे निर्णय लेने वालों को यह जानकारी मुहैया करने में सक्षम होंगे कि विभिन्न प्रबंधन उपाय कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
अध्ययन में पाया गया कि सामान्य प्रजातियां जो पंखों के व्यापार से खत्म होती हैं, वे खुले समुद्र के या पेलाजिक शार्क, जैसे नीले और रेशमी शार्क हैं। हालांकि, व्यापार में प्रजातियों की सबसे बड़ी संख्या तटीय क्षेत्रों में रहती है, जिसमें ब्लैकटिप, डस्की, स्पिनर और सैंडबार शार्क शामिल हैं।
शोधकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि बिना प्रबंधन के कई तटीय प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। तीन तटीय प्रजातियों को पहले से ही विलुप्त माना गया है, खासकर उन सभी देशों में जहां शार्क मछली पकड़ने के कोई नियम नहीं हैं।
चैपमैन ने कहा कुछ देश शार्क और उनके रिश्तेदारों की रक्षा कर रहे हैं या सतत तरीके से मछली पकड़ रहे हैं, लेकिन अधिकांश देश ऐसा नहीं कर रहे हैं। तटीय शार्क जिनका व्यापार होता है - जैसे कि स्मॉलटेल, ब्रॉडफिन, व्हाइटचीक और विभिन्न हाउंड शार्क, रिवर शार्क और छोटी हैमरहेड प्रजातियां जो कि लुप्तप्राय या गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध हैं।
फिर भी उनकी रक्षा करने वाले कोई नियम नहीं हैं। जब तक संबंधित सरकारें तत्काल प्रबंधन के साथ प्रतिक्रिया नहीं देती, तब तक तटीय शार्क और रे मछलियों के विलुप्त होने के अधिक आसार हैं।
प्रजातियों के बेहतर प्रबंधन को प्रोत्साहित करने का एक तरीका उन्हें वन्य जीवों और वनस्पतियों (सीआईटीईएस) की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन के तहत सूचीबद्ध करना है। यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता अंतरराष्ट्रीय व्यापार द्वारा संचालित जानवरों और पौधों को अत्यधिक शोषण से बचाने का प्रयास करता है।
सीआईटीईएस में पार्टियों के सम्मेलन (कॉप 19) की 19वीं बैठक नवंबर में होती है। यह अध्ययन सरकारों के ध्यान में तटीय शार्क की दुर्दशा को लेकर विचार-विमर्श के लिए महत्वपूर्ण सबूत प्रदान करेगा और वर्तमान में कन्वेंशन के तहत शार्क के पंखों के समग्र व्यापार का केवल एक छोटा हिस्सा दिखा रहा है।
अध्ययनकर्ता ने कहा कि दुनिया भर में शार्क और रे मछलियों के लिए देखे जाने वाले खतरे के स्तर की महत्वाकांक्षा, सीआईटीईएस शार्क मत्स्य पालन के बेहतर घरेलू प्रबंधन के लिए एक मजबूत नियम को सूचीबद्ध करती है।
यदि इन प्रस्तावों को अपनाया जाता है, तो राष्ट्र यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य होंगे कि सूचीबद्ध प्रजातियों का निर्यात नहीं किया जा सकेगा और यह टिकाऊ भी होगा।
चैपमैन ने कहा प्रबंधन कार्यों का एक काम यह भी है जो देश तटीय शार्क मछली पकड़ने को नियंत्रण में लाने और इस विलुप्त होने के संकट को रोकने के लिए ले सकते हैं। फिशिंग गियर बदलने से लेकर संरक्षित क्षेत्र बनाने तक, मछली पकड़ने को सीमित करने के लिए समाधान उपलब्ध हैं।
शोधकर्ता कार्डेनोसा ने कहा कि इन तटीय प्रजातियों में से कई गंभीर तरीके से विलुप्त होने के खतरों की श्रेणियों में हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगली श्रेणी विलुप्त होने की है, हमें उन्हें विलुप्त होने से रोकना होगा। यह अध्ययन सोसाइटी फॉर कन्ज़र्वेशन बायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।