देश में बाघों की आबादी
अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2018 के अनुसार, भारत में बाघों की आबादी 2967 (निचली और ऊपरी सीमा 2,603 से 3,346) होने का अनुमान है। 2006 से 2018 के अनुमान की तुलना करें तो भारत में बाघों की आबादी छह फीसदी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है, इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में दी।
देश में मानव-वन्यजीव संघर्ष
देश के विभिन्न हिस्सों से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं सामने आ रही हैं। संसद में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में हाथियों की वजह से लोगों की सबसे अधिक मौतें झारखंड में, उसके बाद ओडिशा में हुई, इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में दी।
भूजल प्रदूषण
केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) सालाना पूरे देश में भूजल गुणवत्ता के आंकड़ों की निगरानी करता है और क्षेत्रीय स्तर पर भूजल गुणवत्ता के आंकड़े तैयार करता है। आंकड़ों से पता चलता है कि देश के कुछ हिस्सों में फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट, लौह और भारी धातुओं जैसे प्रदूषकों की मात्रा बीआईएस अनुमेय सीमा से अधिक हैं।
सीजीडब्ल्यूबी द्वारा दर्ज किए गए भूजल प्रदूषण ज्यादातर भूगर्भीय प्रकृति का हिस्सा है, जिसमें वर्षों से कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों, विशेष रूप से आस-पास के इलाकों में नाइट्रेट संदूषण देखा गया है। नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से नाइट्रेट संदूषण हो सकता है, यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया।
उत्तर प्रदेश में पारंपरिक जल निकायों का पुनरुद्धार
केंद्र सरकार, राज्य सरकार को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। जल शक्ति मंत्रालय ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के संदर्भ में 75 जल विरासत संरचनाओं (डब्ल्यूएचएस) की पहचान करने के लिए एक समिति का गठन किया था। जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य की चार संरचनाएं भी शामिल हैं।
इस संबंध में, भारत-डब्ल्यूआरआईएस पोर्टल के तहत "जल-इतिहास" सब-पोर्टल, 75 डब्ल्यूएचएस को प्रदर्शित करते हुए, पांच जनवरी, 2023 को पहली बार भोपाल में पानी पर प्रथम अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों के सम्मेलन में जारी किया गया था। यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने लोकसभा में बताया।
चीतों का पुनर्वास
भारत में चीतों के पुनर्वास की कार्य योजना ने चीतों के पुनर्वास के लिए संभावित स्थलों की पहचान की है, जैसे कि नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य, गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य - भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभयारण्य परिसर और जैसलमेर, राजस्थान में शाहगढ़ उभार। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया।
ग्रेट निकोबार द्वीप में विकासात्मक गतिविधियां
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के केन्द्र शासित प्रदेश के प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, ग्रेट निकोबार द्वीप का कुल क्षेत्रफल 910 वर्ग किलोमीटर है। ग्रेट निकोबार में 18 परियोजनाओं के लिए वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत 97.90875 हेक्टेयर के वन क्षेत्र को बदल दिया गया है, इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में दी।
उत्तराखंड में सुरंगें
राजमार्ग परियोजना के तहत एनएच-72ए (पैकेज- दो) के 8.30 किमी से 16.380 किमी तक गणेशपुर-देहरादून खंड के अंतर्गत दात काली मंदिर के पास 340 मीटर की एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। एनएचएआई, आरओ, उत्तराखंड के अधिकार क्षेत्र के तहत विभिन्न परियोजनाओं में पांच सुरंग प्रस्तावित या निर्माणाधीन हैं। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया।
चौबे ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उत्तराखंड राज्य में नदी घाटी और जलविद्युत परियोजना के लिए 2014 से 1.03.2023 तक तीन पर्यावरणीय मंजूरियां दी है, जो निर्माणाधीन हैं।
ग्रामीण परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन
देश के परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क में वर्तमान में 1340 स्टेशन (मैनुअल + सीएएक्यूएम स्टेशन) शामिल हैं, जो 28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में 489 शहरों को कवर करते हैं। ग्रामीण नेटवर्क में एक राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश को कवर करने वाले 26 गांवों में 26 मैनुअल स्टेशन शामिल हैं। इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में दी।
मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में नए मैनुअल स्टेशनों की स्थापना के लिए 2,09,64,000 रुपये की राशि जारी की गई है, जिसमें 17 ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं।
भारत की नदियों में प्रदूषित हिस्से
प्रदूषित नदी खंडों की संख्या वर्ष 2018 में पहचाने गए 351 से घटकर वर्ष 2022 में 311 हो गई है। यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया।
वर्ष 2018 के दौरान, वर्ष 2016 और 2017 के लिए नदियों के जल गुणवत्ता के आंकड़ों के विश्लेषण द्वारा बीओडी (तीन मिलीग्राम/एल से अधिक) के नहाने के पानी की गुणवत्ता मानदंड की अधिकता के आधार पर 323 नदियों पर 351 प्रदूषित नदी के हिस्सों की पहचान की गई थी।
इसके बाद, वर्ष 2022 में, सीपीसीबी ने वर्ष 2019 से 2021 के लिए नदियों की जल गुणवत्ता के आंकड़ों के विश्लेषण द्वारा समान मानदंडों के आधार पर देश की 279 नदियों पर 311 प्रदूषित नदी के हिस्सों की पहचान की है।