संसद में आज: हाथियों के कारण लोगों की सबसे अधिक मौतें झारखंड में

देश में 10,29,339.40 हेक्टेयर या 1.03 मिलियन हेक्टेयर में प्रतिपूरक वनीकरण किया गया है।
संसद में आज: हाथियों के कारण लोगों की सबसे अधिक मौतें झारखंड में
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बेंगलुरु में झीलों का कायाकल्प

आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बावजूद प्रश्न उत्तर का सिलसिला जारी रहा। संसद में बेंगलुरु के झीलों का कायाकल्प को लेकर पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने लोकसभा में बताया कि कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के नियंत्रण में कुल 204 झीलें हैं, जिनमें से 114 झीलें विकसित हैं और 38 झीलों को विकास किया जा रहा है, इसके अलावा, 33 झीलें अविकसित हैं और 19 झीलें उपयोग करने लायक नहीं हैं।

वहीं प्रतिपूरक वनरोपण से संबंधित प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1.02 मिलियन हेक्टेयर की परिवर्तित वन भूमि के मुकाबले 10,29,339.40 हेक्टेयर या 1.03 मिलियन हेक्टेयर में प्रतिपूरक वनीकरण किया गया है

मानव-पशु संघर्ष को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं सामने आई हैं। मंत्रालय में उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, हाथी के कारण लोगों की सबसे अधिक मौतें  झारखंड में 133, इसके बाद ओडिशा में 112 मौतें हुई हैं।

देश भर में सर्दी के मौसम के दौरान वायु प्रदूषण को लेकर गहमागहमी जारी है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत हुई प्रगति को लेकर संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2017 से 18 की आधार रेखा के संबंध में वित्त वर्ष 2022 से 23 में वार्षिक पीएम10 की मात्रा के संदर्भ में 131 में से 90 शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

पेट्रोल और डीजल में इथेनॉल मिश्रण के लिए रोड मैप

पेट्रोल और डीजल में एथेनॉल मिश्रण को लेकर आज सदन में पूछे गए के सवाल के लिखित जवाब में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री, रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि चार जून, 2018 को अधिसूचित जैव ईंधन की राष्ट्रीय नीति 2018 के अनुसार, 2030 तक पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण और डीजल में पांच फीसदी बायोडीजल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया था।

एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के तहत पिछले सात वर्षों के प्रदर्शन से प्रोत्साहित होकर, सरकार ने आगे बढ़ने का फैसला किया है। 2030 से इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2025 से 26 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गय। भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण 2020 से 25 के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा तैयार रोडमैप, ईएसवाई 2025 से 26 में 20 फीसदी  सम्मिश्रण लक्ष्य हासिल करने के लिए 1016 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया है।

ओडिशा में जल निकाय बहाली की स्थिति

आज सदन में ओडिशा में जल निकाय बहाली से संबंधित प्रश्न के उत्तर में, जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में बताया कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित जल निकायों की पहली गणना में ओडिशा में 1.82 लाख जल निकायों की गणना की गई है, जिनमें से 97.9 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इनमें से 77.6 फीसदी जल निकायों का जल प्रसार क्षेत्र 0.5 हेक्टेयर से कम है, जबकि 11.6 फीसदी का जल प्रसार क्षेत्र 0.5 से 1.0 हेक्टेयर के बीच है।  पीएमकेएसवाई-एचकेकेपी के तहत ओडिशा राज्य के कुल 1,390 जल निकायों को नवीकरण के लिए चुना गया है, जिनमें से 458 का काम पूरा होने की जानकारी है।

घरों में नल जल कनेक्शन

संसद में जल जीवन मिशन के बारे में पूछे गए सवाल एक जवाब में मंत्री द्वारा बताया गया कि जल जीवन मिशन की घोषणा के समय, 3.23 करोड़ यानी 17 फीसदी ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन होने की जानकारी थी। अब तक, जैसा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 29.11.2023 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10.46 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 29.11.2023 तक, देश के 19.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से, लगभग 13.69 करोड़ (71 फीसदी) परिवारों के घरों में नल से पानी की आपूर्ति होने की जानकारी है, इस बात की जानकारी आज, जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्य में दी।

भूजल में आर्सेनिक के स्तर को कम करना

देश में अक्सर भूजल में आर्सेनिक को लेकर चिंता जताई जाती है। इसको लेकर आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा को बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) भूजल गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम और विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों के रूप में क्षेत्रीय स्तर पर तमिलनाडु सहित देश के अन्य राज्यों में भूजल गुणवत्ता संबंधी आंकड़े तैयार करता है।

ये अध्ययन तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लोगों के बीआईएस के अनुसार, उपभोग के लिए अनुमेय सीमा से अधिक भूजल में आर्सेनिक की उपस्थिति के बारे में जानकारी देते हैं। टुडू ने आगे बताया कि 25 राज्यों के 230 जिलों के कुछ हिस्सों में आर्सेनिक की जानकारी मिली है। तमिलनाडु में, 1208 भूजल नमूनों में से केवल 16 नमूनों यानी 1.3 फीसदी में बीआईएस सीमा से अधिक आर्सेनिक पाया गया है।

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