संसद में आज: गुजरात में पिछले तीन साल में मारे गए 397 शेर, 182 शावक भी शामिल

साल 2022 और 23 में हाथियों के हमलों के कारण कुल 605 लोगों की जान गई और 2022 में बाघ के हमले के कारण 103 लोग मारे गए
फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स, प्रियांक धामी
फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स, प्रियांक धामी
Published on

मानव-वन्यजीव मुठभेड़

संसद का शीतकालीन सत्र जारी है, मानव-वन्यजीव मुठभेड़ को लेकर सदन में उठे एक सवाल का केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लिखित जवाब दिया। जिसमें उन्होंने राज्यसभा में बताया कि मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, साल 2022 और 23 में हाथियों के हमलों के कारण कुल 605 लोगों की जान गई और 2022 में बाघ के हमले के कारण 103 लोग मारे गए थे।

पराली जलाने को कम करने के लिए उठाए गए कदम

वहीं आज, सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जानकारी देते हुए बताया कि सीपीसीबी के 33 वैज्ञानिकों को 10.11.2023 से पंजाब के 22 जिलों और हरियाणा के 11 जिलों में धान की पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए निगरानी और प्रवर्तन कार्रवाई तेज करने के लिए उड़नदस्ते के रूप में तैनात किया गया था। उड़नदस्ते अपने-अपने जिलों में पराली जलाने की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राज्य सरकार, नोडल अधिकारियों और संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं और अपनी हर दिन की रिपोर्ट आयोग को भेज रहे हैं।

सभी हितधारकों के ठोस प्रयासों और केंद्र सरकार की निरंतर निगरानी और समीक्षाओं के कारण, 15 सितंबर के बीच की अवधि में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के एनसीआर जिलों में धान की पराली जलाने के कुल 39,186 मामले सामने आए हैं। चौबे ने कहा, 30 नवंबर, 2023 के मुकाबले  2022 की इसी अवधि में 53,792 घटनाएं सामने आई थी, यानी इस साल पराली जलाने में लगभग 27 फीसदी की कमी आई है।

भूस्खलन और बाढ़ के बढ़ते मामले

सदन में सवालों के सिलिसले को जारी रखते हुए, देश में  भूस्खलन और बाढ़ को लेकर सवाल पूछा गया। इसके लिखित जवाब में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि जैसा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), खान मंत्रालय, जो भूस्खलन अध्ययन पर नोडल एजेंसी है, की रिपोर्ट के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं पर उपलब्ध आंकड़े एक मिश्रित प्रवृत्ति को दर्शाते हैं, जिसमें समय-समय पर घटनाओं की संख्या में उतार-चढ़ाव होता है।

जीएसआई के पास उपलब्ध नवीनतम राष्ट्रीय भूस्खलन सूची के आधार पर, एक अप्रैल, 2017 और 31 मार्च, 2022 के बीच, जीएसआई द्वारा क्षेत्र में आए 3,665 भूस्खलनों का अध्ययन किया गया। इसके अलावा, केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी), जल शक्ति मंत्रालय, एक नोडल संगठन है जिसे देश में बाढ़ के पूर्वानुमान और प्रारंभिक बाढ़ की चेतावनी का काम सौंपा गया है। जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय स्तर पर भारी बारिश की बढ़ती आवृत्ति के कारण, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन, अचानक बाढ़ आदि की घटनाएं बढ़ गई हैं।

गुजरात में एशियाई शेरों की मौत

सदन में आज पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि राज्य की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2021 तक गुजरात में शून्य से एक  वर्ष के 182 शावकों सहित 397 शेरों की मौत हुई

चौबे ने आगे कहा, जैसा कि राज्य द्वारा रिपोर्ट किया गया है, गुजरात में पिछले पांच वर्षों में शेरों की कुल मौतों में से 3.82 फीसदी शावकों सहित 10.53 फीसदी शेरों की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुई है।

विभिन्न शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक

वायु गुणवत्ता को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा देश के 265 शहरों, कस्बों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की निगरानी की जाती है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत, वित्त वर्ष 2019 और 20 से वित्त वर्ष 2025 और 26 की अवधि के दौरान 131 शहरों के लिए 19,711 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जिसमें से 4.9 करोड़ से अधिक शहरों को 15वें वित्त आयोग के तहत वित्त पोषित किया गया है। गुणवत्ता अनुदान अब तक 131 शहरों को उनके संबंधित शहरों में सिटी एक्शन प्लान लागू करने के लिए 9,635 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

नमामि गंगे कार्यक्रम

सदन में नमामि गंगे कार्यक्रम के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने लोकसभा में बताया कि अब तक 38,022.37 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की कुल 450 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें से 270 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं या चालू हैं।

अधिकांश परियोजनाएं सीवेज के बुनियादी ढांचे के निर्माण से संबंधित हैं क्योंकि अनुपचारित घरेलू तथा औद्योगिक अपशिष्ट जल नदी में प्रदूषण का मुख्य स्रोत है। 6,173.12 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) क्षमता के निर्माण और पुनर्वास और लगभग 5,253.64 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क बिछाने के लिए 31,344.13 करोड़ रुपये की लागत से 195 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

इनमें से 109 सीवरेज परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2664.05 एमएलडी एसटीपी क्षमता का निर्माण और पुनर्वास हुआ और 4465.54 किमी सीवरेज नेटवर्क बिछाया गया।

ग्रीन अर्बन मोबिलिटी

आज, सदन में उठे एक सवाल के जवाब में, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर ने लोकसभा में बताया कि 'पीएम-ईबससेवा योजना' हाल ही में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसके तहत 'ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनिशिएटिव्स' (जीयूएमआई) शहरी गतिशीलता बुनियादी ढांचे और बस प्राथमिकता बुनियादी ढांचे, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाओं, इंटेलिजेंट ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली जैसी सेवाओं के प्रस्ताव दिए गए हैं।

इनमें ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी प्रदर्शित करने वाली परियोजनाओं सहित चार्जिंग के बुनियादी ढांचे को लगाना शामिल है।

किशोर ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, तीन लाख और उससे अधिक जनसंख्या वाले 181 भारतीय शहर, जिनमें तमिलनाडु के 12 शहर भी शामिल हैं, योजना के इस हिस्से में भाग लेने के लिए पात्र हैं।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in