मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में एक और मादा चीता मृत पाई गई है। इस तरह अब तक यहां नौ चीतों की मोत हो चुकी है।
अधिकारियों द्वारा जारी बयान के मुताबिक, धात्री (तिब्लिसी), जोकि एक मादा चीता है, वो दो अगस्त, 2023 की सुबह मृत पाई गई थी। बता दें कि यह मादा उन दो चीतों में से एक है जिन्हें पार्क के भीतर एक बड़े बाड़े में छोड़ा गया था।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले निर्वा नाम की एक अन्य मादा चीता का रेडियो कॉलर बंद हो गया था और अधिकारी तब से उसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उसे वापस बाड़े में लाया जा सके।
भोपाल में मुख्य वन्यजीव वार्डन असीम श्रीवास्तव का कहना है कि बाड़े में बचे 14 चीते, जिनमें सात नर, छह मादा और एक मादा शावक शामिल हैं, सभी स्वस्थ हैं। कूनो नेशनल पार्क के पशु चिकित्सकों के साथ नामीबियाई विशेषज्ञों और प्रबंधन टीम के सदस्य उनके स्वास्थ्य पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। श्रीवास्तव का कहना है कि धात्री की मौत की वजह जानने के लिए उसका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारी मार्च के बाद से हुई सभी चीतों की मौत की वजह प्राकृतिक कारणों को बता रहे हैं। भले ही दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के वन्यजीव विशेषज्ञों ने इस बात की पुष्टि की थी कि भारत लाए गए सभी चीते स्वस्थ थे, लेकिन हाल ही में तेजस और सूरज नाम के दो चीतों की मौत हो गई थी।
जहां चार वर्षीय नर चीते तेजस को 11 जुलाई 2023 को गर्दन पर चोट के कारण मारे जाने की सूचना मिली थी। वहीं आठ वर्षीय नर 'सूरज' को कॉलर से हुए संक्रमण के चलते 14 जुलाई 2023 को मृत पाया गया था।
इससे पहले भी कूनो राष्ट्रीय उद्यान में तीन शावकों समेत छह चीतों की जान जा चुकी है। 26 जून 2023 को हुई एक हालिया घटना में, चीतों के दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प में 'अग्नि' नाम के एक नर चीते को चोटें आई थी।
वहीं मार्च 2023 में, नामीबियाई चीता साशा की गुर्दे की विफलता के कारण मृत्यु की सूचना मिली थी, जबकि 24 अप्रैल 2023 को, 'उदय' की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। अधिकारियों ने मादा चीता, दक्षा को 9 मई को मृत पाया था।
गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने 72वें जन्मदिन पर आठ नामीबियाई चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के एक बोमा में छोड़ा था। वहीं 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया। इसके बाद 29 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता 'ज्वाला' ने चार शावकों को जन्म दिया था। हालांकि तब से उनमें से तीन शावकों की मौत हो चुकी है।