नारायण कहती हैं, ‘ आप तर्क दे सकते हैं कि बाहर का वन-क्षेत्र तो हमेशा से ‘गायब’ ही था, और चूंकि वन-क्षेत्रों की सीमाओं को डिजिटल नहीं किया गया था तो यह पता करना संभव ही नहीं था कि कौन सा वन, अंदर की श्रेणी में है और कौन सा बाहर की श्रेणी में। और अब जबकि यह हो चुका है, तो वन सर्वेक्षण हमें बता सकता है कि 28 फीसदी वन-क्षेत्र, वन विभाग के नियंत्रण से बाहर की जमीन पर है।’