दुर्लभ चमगादड़ों की संख्या में तेजी से गिरावट

एक अध्ययन से पता चला है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित देश इंडोनेशिया और फिलीपींस में दुर्लभ प्रजाति के फ्लाइंग फॉक्सेस चमगादड़ों की आबादी लगातार घट रही है
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सिटी कॉलेज ऑफ़ न्यूयॉर्क के पूर्व फुलब्राइट रिसर्च फेलो सुसान त्सांग के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित देश इंडोनेशिया और फिलीपींस में दुर्लभ प्रजाति के फ्लाइंग फॉक्सेस चमगादड़ों की आबादी लगातार घट रही है इसका मुख्य कारण इनका व्यापक रूप से शिकार किया जाना बताया जा रहा है। इनको दुनिया के सबसे बड़े चमगादड़ों के रूप में भी जाना जाता है।

दुर्भाग्य से पहले से ही दुर्लभ माने जाने वाले चमगादड़ों का शिकार न केवल इनकी संख्या को कम कर देता है, बल्कि पशुओं में होने वाले रोगाणुओं को मनुष्यों में फैलने की आशंका को बढ़ाता है, इस प्रक्रिया को ज़ूनोसिस के रूप में जाना जाता है।

जर्नल ऑफ़ बायोगोग्राफ़ी में प्रकाशित इस अध्ययन का शीर्षक "डिस्पेर्सल आउट ऑफ़ वल्लाकी स्पर्स डायवर्सिफिकेशन ऑफ़ पटेरोपुस फ्लाइंग फॉक्सेस, वर्ल्ड ऑफ़ लार्जेस्ट बैट्स (माममालिया: हिरोपेरा)" है।

सीसीएनवाई विशेषज्ञों के अनुसार फ्लाइंग फॉक्स की उत्पत्ति इंडोनेशिया के द्वीप समूह में हुई, जिसे वालसीया कहा जाता है। इन्होंने अन्य द्वीपों में उड़ान भरकर विभिन्न प्रजातियों में विविधता को जन्म दिया, उन जगहों पर खुद को स्थापित किया। इस प्रकार, ये द्वीप लगभग 65 स्तनपायी प्रजातियों के इस बड़े समूह के विकास और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इनकी संख्या लगातार तेजी से घट रही है, जिसका मुख्य कारण इनका अधिक मात्रा में शिकार किया जाना है।

ग्रेजुएट सेंटर, सीयूएनवाई से जीव विज्ञान में पीएचडी करने वाले त्सांग ने कहा कि यह अध्ययन जैव विविधता संरक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य में जानकारी प्रदान करता है। द्वीप अक्सर स्थानिक प्रजातियों के घर होते हैं, जो कहीं और नहीं पाए जाते हैं।

बदकिस्मती से, द्वीप-स्थानिक प्रजातियों की लुप्तप्राय होने या महाद्वीपीय प्रजातियों की तुलना में विलुप्त होने की बहुत अधिक आशंका होती है। फ्लाइंग फॉक्स कई पारिस्थितिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है, यह पौधों के बीज फैलाते है और परागणकर्ता भी कह लातेहैं।  द्वीपों पर जंगलों के विकास अक्सर चमगादड़ों पर निर्भर करते हैं।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि, दक्षिण पूर्व एशिया में चमगादड़-जनित वायरस पर एक अध्ययन किया जा रहा है। भविष्य में भी पेड़ों की विविधता और स्थलीय / समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के डाइनैमिक्स पर फ्लाइंग फॉक्स के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में पता लगाने की तैयारी चल रही है।

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