आईपीसी की धारा 428 और 429 के तहत किसी भी जानवर या विचरण करने वाले जानवर को मारना कानूनी और दंडनीय अपराध है। धारा 38 जे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 जानवरों को चिढ़ाना खिलाना, परेशान करना, चिड़ियाघर में कचरा फैलाने की 3 साल की सजा और ₹25000 का जुर्माना है। नियम 3 में पशु बलि पर रोक है। भालू, बंदर, बाघों, पैंथर, शेरों और बैलों को प्रशिक्षित करने सर्कस या सड़कों पर इस्तेमाल करने की सख्त मनाही है । धारा 222 पीसीए अधिनियम 1960 में इसका विवरण उल्लिखित है। इसी तरह पशु की लड़ाई में शामिल होना एक संगेय अपराध है। सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का जानवरों पर परीक्षण करना भी प्रतिबंधित है।