उष्णकटिबंधीय जंगल कटने से 25 फीसदी कार्बन उत्सर्जन का हो रहा है सफाया

पहले से जंगलों का सफाया किए गए इलाकों में फिर से उगने वाले पेड़, हर साल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के वातावरण से कम से कम 10.7 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन अवशोषित कर रहे हैं
फोटो साभार : विकिमीडिया कॉमन्स, क्रस्टमैनिया
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एक अध्ययन में पाया गया है कि मानवजनित और जलवायु में बदलाव, जैसे कि आग लगने, पेड़ों को काटे जाने के कारण जंगलों को काफी नुकसान हो रहा है। ये नुकसान तेजी से पौधों को फिर से लगाने की वर्तमान दरों से आगे निकल रहे हैं।

उष्णकटिबंधीय वन जलवायु और पारिस्थितिकी संकट दोनों परिस्थितियों के खिलाफ मुकाबला करने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह शोध ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किया गया है, इस तरह के संकटों को दूर करने के लिए कार्बन भंडारण क्षमता और पेड़ों को फिर से बहाल करने की वर्तमान सीमाओं पर प्रकाश डाला गया है।

शोध के निष्कर्षों से पता चला है कि मानवीय गड़बड़ी से उबरने वाले पेड़ और पहले से जंगलों का सफाया किए गए इलाकों में फिर से उगने वाले पेड़, हर साल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वातावरण से कम से कम 10.7 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन अवशोषित कर रहे हैं।

शोधकर्ताओं की टीम ने दुनिया के तीन सबसे बड़े उष्णकटिबंधीय जंगलों में उपग्रह के आंकड़ों का उपयोग करके जमीन के ऊपर कार्बन स्टॉक रिकवरी की दरों को निर्धारित किया है।

हालांकि परिणाम उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण से कार्बन जमा करने की अहमियत को दिखाते हैं। पेड़ों के विकास में कार्बन की कुल मात्रा केवल उष्णकटिबंधीय वनों के काटे जाने से इनमें आने वाली गिरावट से वर्तमान कार्बन उत्सर्जन के लगभग एक चौथाई अर्थार्त 26 फीसदी के बराबर थी।

ब्रिस्टल स्कूल विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. वियोला हेनरिक ने कहा, हमारा अध्ययन पेड़ों को काटे जाने से उबरने वाले उष्णकटिबंधीय जंगलों में भूमिगत कार्बन अवशोषण का पहला उष्णकटिबंधीय अनुमान प्रदान करता है।

प्राचीन उष्णकटिबंधीय वनों की रक्षा करते हुए प्राथमिकता बनी हुई है, हम इन जंगली इलाकों के स्थायी प्रबंधन में उनकी अहमियत का खुलासा करते हैं जो अब मानव गड़बड़ी से उबर सकते हैं।

टीम ने उपग्रह डेटासेट का उपयोग किया जो वनों को काटे जाने को अन्य मानवजनित गड़बड़ी को अलग कर सकता है, जैसे कि लॉगिंग और आग, जंगलों के प्रकार को निर्धारित करना। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और पर्यावरणीय बदलाव से ऊपर के कार्बन की जानकारी के साथ टीम ने अमेजन, मध्य अफ्रीका और बोर्नियो में जंगलों के पुनः विकास के स्थानिक पैटर्न का मॉडल तैयार किया।

उन्होंने पाया कि बोर्नियो में लोगों के द्वारा की गई गड़बड़ी के कारण नष्ट होते जंगलों में कार्बन जमा होने की सबसे बड़ी कमी देखी गई। मुख्य रूप से अमेजन और मध्य अफ्रीका की तुलना में यह आर्थिक रूप से मूल्यवान पेड़ों को तीव्रता से नष्ट किया गया। जबकि, बोर्नियो पर जलवायु और पर्यावरण के कारण अन्य क्षेत्रों की तुलना में कार्बन लगभग 50 फीसदी तेजी से जमा होता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर में रिसर्च एसोसिएट वियोला ने कहा, हमने जो कार्बन रिकवरी मॉडल विकसित किए हैं, वे वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को द्वितीयक और निम्न कोटि के वनों की कार्बन भंडारण की क्षमता के बारे में जानकारी दे सकते हैं। ऐसा तभी हो सकता है जब उन्हें संरक्षित किया जाए और उनकी फिर से बहाली की जाए।

टीम ने यह भी पाया कि काटे गए या आग से खराब हुए पेड़ों में से एक तिहाई को बाद में पूरी तरह से काट दिया जाता हैं, जिससे इन उबरने वाले जंगलों में कार्बन कम जमा करने की कमजोरी पर जोर दिया गया।

वियोला ने कहा, उष्णकटिबंधीय वन लाखों लोगों और जानवरों के लिए कई महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष संसाधन प्रदान करते हैं। बड़े पैमाने पर हमें उष्णकटिबंधीय जंगलों को उनके कार्बन और जलवायु मूल्य के लिए संरक्षित और पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। स्थानीय स्तर पर, लोगों को वनों का निरंतर उपयोग करने की अनुमति देने की आवश्यकता है। 

ब्रिस्टल विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान और सह-शोधकर्ता डॉ. जो हाउस, ने कहा, देशों ने जंगलों को काटे जाने को कम करने और वन क्षरण और काटे गए इलाकों में पेड़ों को पुनः बहाल करने के लिए बार-बार संकल्प किया है।

यह जैव विविधता, बाढ़ नियंत्रण और स्वदेशी लोगों की आजीविका की सुरक्षा जैसे कई फायदों के साथ-साथ वातावरण से कार्बन को हटाने का सबसे अधिक लागत प्रभावी और तत्काल उपलब्ध तरीका है। फिर भी गंभीर अंतरराष्ट्रीय समन्वय और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण लक्ष्य बार-बार चूक जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा शोध दिखता है कि समय तेजी से भाग रहा है।

पिछले नवंबर में मिस्र में आयोजित कॉप-27 में, ब्राजील, इंडोनेशिया और कांगो ने वर्षा वनों की रक्षा के लिए दक्षिण-दक्षिण गठबंधन बनाया। जनवरी 2023 में ब्राजील के नए राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डा सिल्वा का उद्घाटन हुआ, जिन्होंने पिछली नीतियों के कारण हुई क्षति को ठीक करने और अमेजन की सुरक्षा और बहाली पर वापस लौटने का संकल्प लिया है।

ब्राजील में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च (आईएनपीई) में अर्थ ऑब्जर्वेशन जियोइंफॉर्मेटिक्स डिवीजन के प्रमुख और  सह-शोधकर्ता डॉ. लुइज अरागाओ ने कहा, नष्ट हो रहे और द्वितीयक उष्णकटिबंधीय वनों की सुरक्षा और बहाली पर ध्यान केंद्रित करना मजबूत निर्माण के लिए एक अच्छा समाधान है।

वनों द्वारा प्रदान की जाने वाली वैश्विक पर्यावरणीय सेवाओं के लिए स्थानीय आर्थिक मूल्य को जोड़ता है, बदले में स्थानीय आबादी को आर्थिक और सामाजिक रूप से फायदा पहुंचता है। यह शोध नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। 

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