जलवायु परिवर्तन की वजह से करोड़ों मोनार्क तितलियों की गई जान, जानें सफेद धब्बे कैसे मददगार हैं

शोध में 400 जंगली मोनार्क तितलियों के पंखों का विश्लेषण किया गया, उनके रंग के अनुपात को मापा, इसमें पाया कि सफल प्रवासी मोनार्क के पंखों पर लगभग तीन फीसदी कम काला और तीन फीसदी अधिक सफेद रंग था
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, केनेथ ड्वेन हैरेलसन
फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, केनेथ ड्वेन हैरेलसन
Published on

क्या आप जानते हैं या आपने कभी सोचा कि मोनार्क तितली पर सफेद धब्बे क्यों होते हैं, तो अब जॉर्जिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इसका उत्तर ढूंढ निकाला है।

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि अधिक सफेद धब्बों वाली तितलियां ठंड के मौसम के दौरान अपने लंबी दूरी तय कर अपने उचित स्थान तक पहुंचने में अधिक सफल होती हैं। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि धब्बे प्रजातियों के प्रवास में कैसे सहायता करते हैं, यह संभव है कि धब्बे उनके पंखों के चारों ओर वायु प्रवाह के पैटर्न को बदल देते हों।

क्यों महत्वपूर्ण है मोनार्क तितलियां?

मोनार्क तितलियां हमारी धरती के स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाती हैं। फूलों के रस को पीते समय, वे कई प्रकार के फूलों को परागित करते हैं। मोनार्क तितलियां पक्षियों, छोटे जानवरों और अन्य कीड़ों के लिए भी एक महत्वपूर्ण भोजन स्रोत हैं।

पिछले दशक के दौरान, जलवायु में परिवर्तन के कारण अधिक बेमौसम तूफान और अत्यधिक बारिश हुई है। नमी और ठंडा दोनों का संयोजन घातक है और इसकी वजह से करोड़ों तितलियों की मृत्यु हो गई है।

यूजीए के ओडुम स्कूल ऑफ इकोलॉजी में सहायक शोधकर्ता और प्रमुख अध्ययनकर्ता एंडी डेविस बताते हैं कि हमने यह जानने के लिए एक परियोजना शुरू की।  इसमें इस बात का पता लगाना था कि, इतना छोटा जीव इतनी लंबी दूरी की उड़ान सफलता से कैसे भर सकता है। हम वास्तव में इस सोच में पड़ गए थे कि अधिक गहरे पंखों वाले मोनार्क तितली प्रवास करने में अधिक सफल होंगे क्योंकि इनके अंधेरे सतहों से उड़ान भरने की दक्षता में सुधार हो सकता है। लेकिन  हमने परिणाम इसके विपरीत मिला।

पंखों पर कम काले और अधिक सफेद धब्बों वाले मोनार्क वे ही थे जो लगभग 3,000 मील दूर दक्षिण और मध्य मैक्सिको में अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचे।डेविस ने कहा, यह सफेद धब्बे हैं जो अंतर पैदा करते प्रतीत होते हैं।

शोधकर्ताओं ने अपनी यात्रा के विभिन्न चरणों में एकत्र किए गए लगभग 400 जंगली मोनार्क तितली के पंखों का विश्लेषण किया, उनके रंग के अनुपात को मापा। उन्होंने पाया कि सफल प्रवासी मोनार्क के पंखों पर लगभग तीन फीसदी कम काला और तीन फीसदी अधिक सफेद रंग था।

संग्रहालय के नमूनों का एक अतिरिक्त विश्लेषण जिसमें मोनार्क और छह अन्य तितली प्रजातियां शामिल थीं, से पता चला कि मोनार्क के पास उनके प्रवास न करने वाले चचेरे भाइयों की तुलना में काफी बड़े सफेद धब्बे थे।

एकमात्र अन्य प्रजाति जिसके पंख पर समान अनुपात में सफेद धब्बे थे, वह इसका अर्ध-प्रवासी रिश्तेदार, दक्षिणी मोनार्क तितली थी।

बेहतर उड़ान के लिए मोनार्क तितली सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं

अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि तितलियों का रंग उनकी यात्रा के दौरान प्राप्त होने वाले विकिरण की मात्रा से संबंधित है। मोनार्क तितलियों की लंबी यात्रा का मतलब है कि वे अधिक सूर्य के प्रकाश के संपर्क में हैं। परिणामस्वरूप, उनमें अधिक सफेद धब्बे विकसित हो गए हैं।

डेविस ने कहा, अपनी यात्रा के दौरान मोनार्क तितलियों को मिलने वाली सौर ऊर्जा की मात्रा अत्यधिक है, खासकर जब से वे ज्यादातर समय अपने पंख फैलाकर उड़ते हैं। हजारों वर्षों तक यह प्रवास करने के बाद, उन्होंने अपनी हवाई दक्षता में सुधार के लिए उस सौर ऊर्जा के उपयोग का एक तरीका निकाला है।

एसोसिएट प्रोफेसर मुस्तफा हसनालियन ने कहा, लेकिन जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है और पृथ्वी की सतह तक पहुंचने वाले सौर विकिरण में बदलाव हो रहा है, मोनार्क तितलियों को जीवित रहने के लिए इसके अनुकूलन होना होगा। हसनालियन, सह-अध्ययनकर्ता और न्यू मैक्सिको इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड टेक्नोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

डेविस ने कहा, सूर्य की अधिक तीव्रता के कारण मोनार्क तितलियों की हवाई दक्षता समाप्त हो सकती है। यह एक और चीज होगी जो दुनिया भर में खासकर मेक्सिको में प्रजातियों के गायब होने तथा प्रवास में बाधा बन रही है।

मोनार्क की प्रजनन आबादी स्थिर है : लेकिन उड़ने वाले कीड़ों के लिए यह सब बुरी खबर नहीं है।

डेविस के पिछले अध्ययन से पता चला है कि पिछले 25 वर्षों में मोनार्क तितलियों की ग्रीष्मकालीन आबादी अपेक्षाकृत स्थिर रही है। उस खोज से पता चलता है कि गर्मियों के दौरान प्रजातियों की आबादी में वृद्धि प्रवासन, सर्दियों के मौसम और बदलते पर्यावरणीय कारकों के कारण तितली के नुकसान की भरपाई करती है।

डेविस ने कहा, मोनार्क तितलियों की प्रजनन आबादी काफी स्थिर लगती है, इसलिए मोनार्क की आबादी को अपने शीतकालीन गंतव्य तक पहुंचने में सबसे बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यह अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि मोनार्क अपने गंतव्य तक पहुंचने में कैसे सफल होते हैं। यह अध्ययन पीएलओएस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in