कच्छ में भी प्रवासी पक्षियों की मौत, सांभर में एसडीआरएफ ने संभाली कमान

राजस्थान के सांभर झील के आसपास प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला थमा नहीं है। अब गुजरात के कच्छ इलाके में भी पक्षियों की मौत की खबर है
गुजरात के कच्छ इलाके में 60 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई। फोटो: माधव शर्मा
गुजरात के कच्छ इलाके में 60 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई। फोटो: माधव शर्मा
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माधव शर्मा

राजस्थान की सांभर झील में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है, वहीं अब गुजरात के कच्छ के पास बानियारी गांव में 60 पक्षियों की मौत की खबर है। ये सभी प्रवासी पक्षी डेमोइसेल क्रेन हैं। कच्छ प्रशासन का दावा है कि भारी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से इन पक्षियों की मौत हुई है।

वन विभाग वहां अन्य पक्षियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। दावा किया गया है कि 15 क्रेन को बचा लिया गया है। ये क्षेत्र कच्छ रण की सीमा से महज कुछ किमी ही दूर है। गुरुवार को यहां 1.5-3 इंच तक बारिश हुई

उधर, राजस्थान के सांभर झील में शुक्रवार को 1830 प्रवासी पक्षी मृत मिले और 145 से ज्यादा पक्षियों को बचाया गया। प्रशासन का दावा है कि अब तक झील से 6700 पक्षी मृत मिले हैं। शुक्रवार को राज्य आपदा प्रबन्धन के 17 लोग और सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की टीम के 60 लोगों ने पूरी झील से मृत पक्षियों की तलाश की। साथ ही इलाज  के लिए 36 डॉक्टरों की टीम भी यहां मौजूद रही। टीम ने तीन बोट झपोक डैम सहित पूरी झील एरिया से पक्षी बरामद किए। 

गुरूवार को सीएम अशोक गहलोत ने सांभर में ही रेस्क्यू सेंटर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन अभी भी सांभर से 20 किमी दूर कांचरोंदा गांव में घायल पक्षियों को इलाज के लिए भेजा जा रहा है। सांभर में अस्थाई रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है। सीसीएफ केसीए अरूण प्रसाद ने बताया कि सांभर में रेस्क्यू सेंटर बनाने से बिजली और सर्दी की समस्याएं आएंगी। इसीलिए घायल पक्षियों को यहां थोड़ी दवाई देकर कांचरोंदा पहुंचाया जा रहा है। जहां सभी सुविधाओं से युक्त रेस्क्यू सेंटर बना हुआ है।  

 वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने शुक्रवार को सांभर इलाके का दौरा किया और अधिकारियों से बातचीत की। 

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