तितलियां मौसम के आधार पर सैकड़ों किलोमीटर से अधिक लंबी दूरी तय कर सकती हैं। तितलियां प्रजनन के दौरान अपेक्षाकृत कम दूरी तय करती हैं। इनका पलायन और दूर तक उड़ान भरना, इनके अलग-अलग फायदों और खतरों के साथ जुड़ी भिन्न गतिविधियां हैं। बेंगलुरु के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) ग्रैड की छात्रा वैशाली भौमिक और उनके सलाहकार डॉ. कृशनामघ कुंटे ने आकृति विज्ञान (रूप और संरचना) और तितलियों के प्रजनन पर इस तरह की गतिविधियों के प्रभावों की जांच की है।
इन प्रश्नों का उत्तर देने के लिए वैशाली और उनके सलाहकार ने कई अलग-अलग तितली की प्रजातियों पर अध्ययन किया, जिन्होंने विभिन्न वितरण और प्रवास/पलायन पैटर्न प्रदर्शित किए। जिन तितलियों पर अध्ययन किया गया वे इस प्रकार थीं:
वैशाली और कुंटे ने सभी तितलियों में उनकी उड़ान की मांसपेशियों (फ्लाइट मॉर्फोलॉजी) और पेट (प्रजनन ऊतक) को मापा, साथ ही वे अपने वजन (अंडे के भार) के सापेक्ष अपने शरीर में कितने अण्डाणु (ओवा) रखते हैं, यह भी देखा गया। यह शोध बायोलॉजी लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
यह विभिन्न उपकरणों और विधियों का उपयोग करके किया गया था जैसे कि उनके शरीर के विभिन्न भागों के वजन की तुलना करना और मादाओं के अंदर ओवा की संख्या की गिनती करना। इसके परिणाम बहुत दिलचस्प थे।
परिणामों से पता चला कि मिल्कवीड तितलियां प्रवास के समय प्रजनन के दौर से गुजरती हैं। इसका मतलब है कि उनकी प्रजनन प्रणाली ओवा (अंडे) का उत्पादन करना बंद कर देती है और अधिक लंबी दूरी के प्रवास को सुनिश्चित करने के लिए अपने पेट को हल्का कर देती है।
जो तितलियां (कैटोप्सिलिया प्रजाति) प्रवासी नहीं होती है, उनके परिणाम कुछ उल्लेखनीय निष्कर्षों की ओर इशारा करते हैं। मादा तितलियों का पेट नर की तुलना में अधिक बड़ा होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मादा प्रजनन ऊतक में बहुत अधिक ऊर्जा ग्रहण करती है जो ओवा बनाती है। यह उनके पेट को अपेक्षाकृत भारी बनाकर उड़ान भरते समय उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इस प्रकार उड़ान के दौरान उन्हें अत्यधिक ताकत लगानी पड़ती है।
परिणामों बताते है कि पलायन न करने के बावजूद, मादाएं घूमने के लिए अपने पेट में अंडों की संख्या को निर्धारित कर सकती हैं।
कैटोप्सिलिया तितलियों की मादाएं प्रवास वाले, गैर-प्रवासी की तुलना में अधिक अंडे देती है, लेकिन प्रवास वालों के बीच, उनके वक्ष के सापेक्ष आकार में वृद्धि के साथ ओवा की संख्या तेजी से घट जाती है।
तितलियों के वक्ष के आकार में वृद्धि सुनिश्चित करती है कि इनकी उड़ान की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। वैशाली और कृशनामघ का मानना है कि यह तितलियों की एक अनुकूल प्रतिक्रिया हो सकती है क्योंकि हो सकता है जब वे लार्वा के रूप में थे तब उन्हें कम भोजन मिला हो। सरल शब्दों में कहें तो जब आपके आस-पास भोजन कम होता है, तो भोजन की खोज के लिए लंबी दूरी तक उड़ान भरने की ताकत की जरुरत होती है। इस प्रकार बड़े पेट (अंडे रखने) के बजाय बड़ी मांसपेशियां की आवश्यकता होती है।
पलायन नहीं करने वाले कैटोप्सिलिया तितलियों में अंडे का भार कम होता है? कृशनामघ और वैशाली सुझाव देते हैं कि जो तितलिया एक ही स्थान पर रहती हैं वे अक्सर छोटे-छोटे समूहों में अंडे देती हैं। यह उनके शरीर को हल्का रखता है और उड़ान के दौरान मदद करता है।
कैटोप्सिया तितलियां इधर-उधर जाने के दौरान भी प्रजनन के लिए सक्रिय होती हैं, मादा अंडों को छोटे-छोटे समूहों में देती है। वे एक निवास स्थान से दूसरे तक जाते रहते है।
हालांकि, मिल्कवीड तितलियों के विपरीत, कैटोप्सिलिया तितलियां अपनी प्रजनन गतिविधि को यह सुनिश्चित करने के लिए रोक नहीं सकती हैं कि वे बहुत लंबी दूरी तक उड़ सकती हैं। इनके निवास स्थानों को लगातार होने वाला नुकसान, दुनिया भर में इनके लिए संकट खड़ा कर रहा है। अंडे देने वाली मादा कैटोप्सिलिया तितलियां अधिक तनाव में रहती हैं। वैशाली और कृशनामघ बताते हैं कि इससे पूरी प्रजाति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि ये तितलियां निवास के लिए बड़ी दूरी तक उड़ती हैं, लेकिन अब हर दिन इनके निवास स्थान घटते जा रहे हैं।