अमेजन वर्षावन के 75 फीसदी हिस्से का हुआ नुकसान: अध्ययन

अमेजन वर्षावन वैश्विक जैव विविधता के लगभग 25 फीसदी की मेजबानी करता है तथा यह धरती के कामकाज में एक अहम भूमिका निभाता है।
 फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स
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अमेजन वर्षावन के भूमि उपयोग में बदलाव और जलवायु परिवर्तन के रेसिलिएंस या लचीलेपन के बारे में भारी चिंता का सबब बना हुआ है। अमेजन को पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में एक टिपिंग तत्व के रूप में जाना जाता है। यह जैव विविधता के लिए अहम है और आमतौर पर एक बड़े स्थलीय कार्बन अवशोषण के रूप में काम करता है।

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि अमेजन वर्षावन अपने "टिपिंग पॉइंट" के करीब हो सकता है, यह वह बिंदु जहां वर्षावन सवाना में बदल जाएगा। इस परेशान करने वाली प्रवृत्ति को उजागर करने वाले शोध के मुताबिक, 2000 के दशक की शुरुआत से 75 फीसदी से अधिक वर्षावन के नुकसान होने के संकेत पाए गए हैं।

म्यूनिख के तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अध्ययनकर्ता निकलास बोअर्स ने कहा वनों को काटे जाने और जलवायु परिवर्तन इस गिरावट के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेवार हैं। उपग्रह रिमोट सेंसिंग डेटा का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि सूखे या आग जैसी घटनाओं के कारण वर्षावन के विशाल इलाके में लगातार गिरावट आई है।

अध्ययन में कहा गया है कि नुकसान उन इलाकों में सबसे अधिक होता है जहां मानव गतिविधि के साथ-साथ बारिश कम होती है। कुल मिलाकर, अमेजन वर्षावन बहुत कम रेसिलिएंट या लचीला होता जा रहा है। शोध से पता चलता है कि व्यापक रूप से पेड़ों के नष्ट होने का खतरा बढ़ रहा है। यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के सह-अध्ययनकर्ता टिम लेंटन ने कहा कि वर्षावन कमोबेश एक जैसे दिख सकते हैं, फिर भी यह रेसिलिएंट या लचीलापन खो सकते हैं। सूखे जैसी बड़ी घटना से उबरने के लिए इसे धीमा कर सकता है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अमेजन जल्द ही एक महत्वपूर्ण रेखा या टिपिंग पॉइंट तक पहुंच सकता है, जिसके कारण पेड़ और जंगल का अधिकांश भाग सवाना में बदल जाएगा। जैव विविधता, वैश्विक कार्बन भंडारण और जलवायु परिवर्तन के लिए इसके बड़े खतरनाक परिणाम होंगे।

यह स्पष्ट नहीं है कि उस बिंदु तक कब पहुंचा जा सकता है, लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि लचीलापन का नुकसान निकट आने वाले जलविभाजन के समय के साथ जुड़ा हुआ है।

एक्सेटर विश्वविद्यालय के प्रमुख अध्ययनकर्ता क्रिस बोल्टन ने कहा अमेजन वर्षावन एक अत्यधिक जटिल प्रणाली है, इसलिए यह भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है कि क्या और कब एक टिपिंग बिंदु तक पहुंचा जा सकता है।

बोअर्स ने कहा कि कई शोधकर्ताओं ने सिद्धांत दिया है कि एक टिपिंग पॉइंट तक पहुंचा जा सकता है। लेकिन हमारा अध्ययन महत्वपूर्ण प्रयोग करके साक्ष्य प्रदान करता है कि हम उस सीमा तक पहुंच रहे हैं। इसके पीछे सूखा, आग, वनों की कटाई, छरण और जलवायु परिवर्तन सहित कई परस्पर जुड़े कारण हैं। ये कारण लचीलापन को कम करने और अमेजन में एक टिपिंग पॉइंट को बढ़ाने के लिए जिम्मेवार हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेजन जैसे उष्णकटिबंधीय वन जलवायु को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अमेजन वर्षावन जैविक रूप से पृथ्वी पर सबसे समृद्ध इलाके हैं, जो वैश्विक जैव विविधता के लगभग 25 फीसदी की मेजबानी करता है और यह धरती के कामकाज के लिए आवश्यक प्राकृतिक चक्रों में एक अहम भूमिका निभाता है। 

रटगर्स विश्वविद्यालय के एक भूगोलवेत्ता लौरा श्नाइडर ने कहा कि अमेजन धरती पर निरंतर वर्षावन का सबसे बड़ा मार्ग है और यह पृथ्वी की जलवायु प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां के वन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, एक हीट-ट्रैपिंग या गर्मी को फंसाने वाली गैस जो बढ़ते तापमान का एक महत्वपूर्ण कारण है।

अर्थ इनोवेशन इंस्टीट्यूट के निदेशक डैनियल नेपस्टेड ने कहा पेड़ों में लगभग 100 बिलियन टन कार्बन जमा होने के साथ, यह लगभग 400 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण से बाहर रखते हैं। यह अध्ययन जर्नल नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित हुआ है।

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