वन विभाग की लापरवाही ने ले ली तेंदुए की जान

तेंदुए ने किसान पर हमला कर दिया, बुलाने के बावजूद जब कोई वन अधिकारी नहीं आया तो ग्रामीणों ने तेंदुए को मार दिया।
Photo : Jyoti Yadav
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बरेली से ज्योति पांडे
वन विभाग की लापरवाही के चलते बरेली के गांव में ग्रामीणों ने तेंदुआ को पीट-पीट कर मार डाला। फसल देखने गए किसान पर तेंदुए ने हमला किया था। गांव वालों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, मगर कोई भी अधिकारी गांव नहीं पहुंचा। इसके बाद गांव वालों ने तेंदुए को पीट कर मार डाला। 
घटना जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर नवाबगंज तहसील के गांव कमुआ की है। किसान शिवकुमार पेस्टिसाइड के कारोबारी अंकित के साथ अपनी फसल देखने गया था। जैसे ही यह लोग खेत में पहुंचे तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। तेंदुए के हमले में शिव कुमार बुरी तरह से घायल हो गए। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी, लेकिन कोई भी झांकने नहीं पहुंचा। ग्रामीण खुद ही लाठी-डंडे लेकर तेंदुआ की तलाश में खेत की तरफ निकल गए। बताया जा रहा है कि तेंदुए ने एक बार फिर से हमला कर दिया। तब ग्रामीणों ने लाठी डंडे से उसे पीटना शुरू कर दिया। इससे तेंदुए की मौत हो गई। तेंदुए का वजन 45 किलो और लंबाई 5 फिट बताई जा रही है। इसकी उम्र लगभग ढाई साल है। वन विभाग तेंदुए को मारने वालों पर मुकदमा दर्ज कराने जा रहा है।

बढ़ेपुरा में भी सुबह किया था हमला
गुरुवार को ही कमुआ गांव से 7 किलोमीटर दूर बढ़ेपुरा में भी एक तेंदुए ने ग्रामीणों पर हमला किया था। गन्ने के खेत से निकले तेंदुए को देख कर लोग भाग खड़े हुए। फिलहाल अभी यह तय नहीं हो पाया है कि यह दोनों तेंदुए एक ही हैं या अलग अलग। गांव वालों का कहना है कि यदि वन विभाग की टीम समय से पहुंच जाती तो तेंदुआ नहीं मारा जाता। बार-बार फोन करने के बाद भी डिप्टी रेंजर ने ग्रामीणों का फोन नहीं उठाया।

माला रेंज से आते हैं तेंदुए
नवाबगंज का क्षेत्र पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से लगा हुआ है। इस कारण यहां अक्सर तेंदुए आ जाते हैं। पिछले वर्ष जनवरी में मीरगंज इलाके में एक तेंदुए को देखा गया था। यही तेंदुआ फतेहगंज में अप्रैल तक रहा। जनवरी 2018 से 15 मई 2019 के बीच में तेंदुए को लगातार क्षेत्र में देखा गया। वन विभाग के अफसरों ने कई बार पिंजड़ा भी लगाया मगर तेंदुआ उनकी पकड़ में नहीं आया।

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