गंगा प्रहरी स्पेयरहेड दीपक कुमार बताते हैं कि, "मृत डॉल्फिन के मुंह के निचले भाग में प्लास्टिक रस्सी बंधी हुई थी और रस्सी के दूसरे छोर पर बांस की खूंटी दिख रही थी। ऐसी स्थिति तब बनती है, जब कोई मछुआरा मछलियों को जीवित अवस्था में कुछ दिन रखना चाहता हो। ऐसी स्थिति में वह रस्सी से बांधकर उसे पानी में छोड़ देता है ताकि वह एक-दो दिनों तक जीवित रहे और आवश्यकता पड़ने पर उसे निकाल सके। डॉल्फिन के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा। वह खूंटा उखाड़ कर भागने में कामयाब रही लेकिन फंदा खोलने में असफल रही जिससे उसकी मौत हो गई।"