सभी पशु समुदायों में, पारिवारिक वातावरण हर एक के जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विशेषकर भाई-बहनों के साथ मेलजोल बढ़ाने से दोनों को लाभ हो सकता है। अध्ययनकर्ताओं ने जानवरों के भाई-बहनों को लेकर सबसे बड़े सामाजिक जीव एशियाई हाथियों के बच्चों पर एक अध्ययन किया है।
म्यांमार में एशियाई हाथियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि हाथियों के बच्चों को बड़े भाइयों की तुलना में बड़ी बहनें होने से लाभ होता है। फिनलैंड, यूके और म्यांमार के विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने पाया है कि एशियाई हाथी भाई-बहन छोटी संतानों को शुरूआती दौर में काफी लंबे समय तक प्रभावित करते हैं। बड़े भाई-बहनों के साथ पालने से हाथी के बच्चों (बछड़ों) के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है। इन पर बड़ी बहनों का बड़े भाइयों की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ता है।
अध्ययन में पाया गया कि मादा हाथियों में, बड़ी बहनों के साथ पाले जाने वालों में लंबे समय तक जीवित रहने की क्षमता अधिक थी। साथ ही पहली बार औसतन दो साल पहले हाथियों ने प्रजनन कर लिया था। जल्दी प्रजनन हाथी के जीवनकाल के दौरान अधिक संतानें होने से जुड़ा होता है।
अध्ययन के मुताबिक नर हाथियों में, बड़ी बहनों के साथ पाले जाने वालों के जीवित रहने के आसार कम होते हैं लेकिन इनके शरीर का वजन बड़े भाइयों की तुलना में अधिक होता है। अध्ययनकर्ता ने कहा कि यह प्रतीत होता है कि हानिकारक प्रभाव को 'लाइव-फास्ट, डाई यंग' रणनीति द्वारा समझाया जा सकता है, जहां शरीर के वजन में शुरुआत में वृद्धि होती है जीवन में बाद में जीवित रहने की क्षमता कम हो जाती है।
प्रमुख अध्ययनकर्ता तथा टूर्कू विश्वविद्यालय के डॉ. वेरेन बर्जर ने कहा हमारा शोध इस बात की पुष्टि करता है कि भाई-बहन के रिश्ते हर एक के जीवन को आकार देते हैं, विशेष रूप से हाथियों जैसे सामाजिक प्रजातियों में, जहां इनके विकास, अस्तित्व और प्रजनन के लिए सहयोगी व्यवहार आवश्यक है।
लंबे समय तक जीवित रहने वाले जानवरों में भाई-बहनों के प्रभावों के दीर्घकालिक परिणामों को समझा जाता है। इसका एक कारण यह है कि अध्ययन वाले इलाके में संसाधनों की चुनौतियों से किसी एक जानवर के पूरे जीवन काल पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच करना मुश्किल हो जाता है।
इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने म्यांमार में सरकार की देख-रेख में पल रहे, अर्ध-बंदी हाथियों की आबादी का अध्ययन करके उनके जीवन के इतिहास का रिकॉर्ड दर्ज किया है।
म्यांमार में इन हाथियों का उपयोग दिन के दौरान सवारी और सामान ढोने वाले जानवरों के रूप में किया जाता है। रात में हाथी जंगलों में बिना निगरानी के रहते हैं और जंगली और पालतू दोनों हाथियों से मिलते हैं और संभोग कर सकते हैं। बच्चों या बछड़ों को उनकी मां पांच साल की उम्र तक पालती हैं, जब उन्हें काम के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। म्यांमार टिम्बर एंटरप्राइज (एमटीई) हाथियों के दैनिक और वार्षिक कार्यभार पर नियम लागू करता है।
टूर्कू विश्वविद्यालय में डॉ मिर्का लाहदेनपेरा और सह-अध्ययनकर्ता ने कहा चूंकि ये हाथी अपने प्राकृतिक आवास में रहते हैं, इनमें जंगली हाथियों की तरह कई समानताएं हैं, जैसे प्राकृतिक चारा और प्रजनन में इनकी किसी तरह की कोई सहायता नहीं की जाती है। जबकि यह माना जाता है कि जंगली हाथियों में, परिवार समूह शायद बड़े होते हैं। जबकि ऐसा नहीं है इनमें अधिक समानताएं होती हैं और हम मान सकते हैं कि हमारे अध्ययन में पाए गए कुछ संघ जंगली हाथियों पर भी ये लागू होते हैं। लेकिन निश्चित रूप से, इनका और अध्ययन किया जाना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने हाथियों के शरीर का वजन, प्रजनन, लिंग और हाथी के बच्चे या बछड़े के अस्तित्व पर बड़े भाई-बहनों की उपस्थिति और लिंग के प्रभाव को देखने के लिए अर्ध-बंदी एशियाई हाथियों के एक बड़े, लंबी-पीढ़ी के आंकड़ों का उपयोग किया। रिकॉर्ड में 1945 और 2018 के बीच पैदा हुए 2,344 बच्चों या बछड़ों की सटीक प्रजनन और लंबी उम्र की जानकारी थी।
शोधकर्ताओं ने कहा कि जैसा कि अध्ययन हाथियों के एक दूसरे से जुड़ा था, भाई-बहनों मे प्रभावों के बाहर बाहरी कारकों के प्रभाव, जैसे मातृ देखभाल की गुणवत्ता और हाथियों के कार्यभार और प्रबंधन को बाहर नहीं किया जा सकता है। डॉ बर्जर ने कहा कि इस शोध परियोजना के अगले चरण में हम हाथी के जन्म के समय माताओं के शरीर के वजन पर अधिक जानकारी एकत्र करके, भाई -बहन के प्रभाव से मातृ प्रभावों को अलग करने की कोशिश करेंगे। यह अध्ययन जर्नल ऑफ एनिमल इकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
अधिक आंकड़ों से हम भाई-बहन के रिश्तों पर पर्यावरण के प्रभावों का पता लगाने और छोटे बच्चे या बछड़े के स्वास्थ्य के विशिष्ट पहलुओं जैसे कि प्रतिरक्षा, मांसपेशियों के कार्य और हार्मोनल विविधताओं पर भाई-बहनों के प्रभावों पर अधिक विस्तार से जान पाएंगे। हम बड़े बच्चे या बछड़े के जीवन इतिहास प्रक्षेपवक्र पर लिंग के प्रभाव और छोटे बछड़ों की उपस्थिति की भी जांच कर सकते हैं।