कॉप-16: खनन के कारण जैव विविधता से लेकर स्वदेशी लोगों तक के लिए बढ़ रहे हैं खतरे: रिपोर्ट

एक नई रिपोर्ट में पाया गया है कि तेल, गैस और खनन उद्योग अमेजन बेसिन, कांगो बेसिन और दक्षिण पूर्व एशिया में महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए भारी खतरे पैदा कर रहे हैं
जुलाई में किए गए विश्लेषण में पाया गया कि इंडोनेशिया में 2001 से 2023 के बीच खनन के लिए लगभग 721,000 हेक्टेयर जंगलों को साफ कर दिया गया।
जुलाई में किए गए विश्लेषण में पाया गया कि इंडोनेशिया में 2001 से 2023 के बीच खनन के लिए लगभग 721,000 हेक्टेयर जंगलों को साफ कर दिया गया।फोटो साभार: आईस्टॉक
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कोलंबिया के कैली शहर में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन (कॉप-16) जारी है, जिसकी शुरुआत 21 अक्टूबर को हुई थी। इस दौरान एक रिपोर्ट जारी की गई जिसमें पाया गया है कि तेल, गैस और खनन उद्योग अमेजन बेसिन, कांगो बेसिन और दक्षिण पूर्व एशिया में महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए भारी खतरे पैदा कर रहे हैं।

आईयूसीएन वर्ल्ड कमीशन ऑन प्रोटेक्टेड एरियाज (डब्ल्यूसीपीए) की मदद से प्रकाशित रिपोर्ट "क्लोजिंग विंडो ऑफ ऑपर्च्युनिटी" में कहा गया है कि औद्योगिक परियोजनाएं उन क्षेत्रों में हैं जो प्रकृति के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसकी वजह से जैव विविधता और स्वदेशी समुदायों को खतरा हो सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये गतिविधियां 500 प्रमुख जैव विविधता वाले इलाकों (केबीए), 18 करोड़ हेक्टेयर वाले घने जंगलों और तीन करोड़ हेक्टेयर स्वदेशी क्षेत्रों को खतरे में डाल रहे हैं, जिसमें इन मुद्दों का मानचित्रण किया गया है। ये इलाके दुनिया भर में जलवायु को नियमित करने के लिए आवश्यक हैं, फिर भी वे बढ़ते औद्योगिक दबाव का सामना कर रहे हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र को भयानक टिपिंग पॉइंट से आगे धकेल सकता है

रिपोर्ट में कहा गया है कि हम एक चौराहे पर हैं, जहां से हम या तो जीवन को बनाए रखने वाली प्राकृतिक प्रणालियों की सुरक्षा के लिए अभी से काम कर सकते हैं या फिर हमेशा की तरह चट्टान की ओर बढ़ती हुई गाड़ी पर सवार रह सकते हैं जिसका गिरना तय है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे ये उद्योग बढ़ रहे हैं, पारिस्थितिकी तंत्र और स्वदेशी क्षेत्रों की रक्षा करने के अवसर कम होते जा रहे हैं।

अध्ययनकर्ता ने कहा, जलवायु संकट और जैव विविधता की हानि दोनों से निपटने के लिए संरक्षित और संरक्षित क्षेत्र के लिए आवश्यक रणनीतियां हैं। बहुत अधिक कार्बन जमा करने के के रूप में, वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में हमारी मदद करने के लिए तेजी से काम कर सकते हैं।

स्वदेशी लोगों को मान्यता देना

रिपोर्ट में कहा गया है कि औद्योगीकरण से होने वाले शोषण को रोकने के लिए सरकारों को संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार करना चाहिए, स्वदेशी संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और 2025 तक संरक्षण निधि में वृद्धि करनी चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई क्षेत्रों में औद्योगिक विस्तार से स्वैच्छिक तरीके से अलग रहने वाले स्वदेशी लोगों के घरों व जमीन पर अतिक्रमण का खतरा है।

प्रकृति और जलवायु संबंधी संकटों से निपटने की तत्काल जरूरत है। स्वदेशी लोगों के अधिकारों और क्षेत्रों की मान्यता का विस्तार करना इस दुनिया के लिए बहुत जरूरी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रकृति और जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्राथमिकताओं की बात करें तो स्वदेशी लोगों को वित्तीय समाधानों तक पहुंच और जैव विविधता और जलवायु वित्त तक सीधी और बढ़ी हुई पहुंच मिलनी चाहिए।

जुलाई में किए गए विश्लेषण में पाया गया कि इंडोनेशिया में 2001 से 2023 के बीच खनन के लिए लगभग 721,000 हेक्टेयर जंगलों को साफ कर दिया गया

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