कॉप-16: कोलंबिया में जैव विविधता शिखर सम्मेलन, क्या हैं नए एजेंडे और पुराने वादों की स्थिति?

कोलंबिया के कैली शहर में शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन कॉप-16 में लगभग 200 देश इस बात पर विचार-विमर्श करेंगे कि वे प्रकृति को विनाश की वर्तमान तीव्र दर से कैसे बचा सकते हैं
देशों से अपेक्षा की जाती है कि वे 21 अक्टूबर से एक नवंबर तक चलने वाले कैली शिखर सम्मेलन की शुरुआत तक उन राष्ट्रीय जैव विविधता योजनाओं को सामने लाएं जिन्हें राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियां और कार्य योजनाएं (एनबीएसएपी) के रूप में जाना जाता है।
देशों से अपेक्षा की जाती है कि वे 21 अक्टूबर से एक नवंबर तक चलने वाले कैली शिखर सम्मेलन की शुरुआत तक उन राष्ट्रीय जैव विविधता योजनाओं को सामने लाएं जिन्हें राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियां और कार्य योजनाएं (एनबीएसएपी) के रूप में जाना जाता है।
Published on

करेगा।आज, यानी 21 अक्टूबर से कोलंबिया के कैली शहर में शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन, जिसे कॉप-16 के नाम से जाना जाता है, इस दौरान लगभग 200 देश इस बात पर विचार-विमर्श करेंगे कि वे प्रकृति को विनाश की वर्तमान तीव्र दर से कैसे बचा सकते हैं।

कोलंबिया की पर्यावरण मंत्री सुजाना मुहम्मद की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह आयोजन लैटिन अमेरिका से पूरी दुनिया को जलवायु पर कार्रवाई करने और जीवन की सुरक्षा के महत्व के बारे में बताएगा। यह हमारे ग्रह को संरक्षित करने के लिए कोलंबिया की राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो और पूरे देश की प्रतिबद्धता को उजागर करेगा।

कॉप-16 में राष्ट्रीय स्तर की कार्य योजनाएं

विश्व के ऐतिहासिक कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढांचे की मध्यस्थता के दो साल बाद, अब देशों को यह बताना होगा कि वे दुनिया भर में सहमत दो दर्जन से अधिक लक्ष्यों को हासिल करने की योजना कैसे बना रहे हैं।

इनमें संरक्षण के लिए अपने क्षेत्रों का 30 प्रतिशत हिस्सा अलग रखना, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले व्यवसायों के लिए सब्सिडी में कटौती करना और कंपनियों को अपने पर्यावरणीय प्रभाव की रिपोर्ट दर्ज करने को अनिवार्य करना शामिल है।

जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के सम्मेलन की सोलहवीं बैठक (कॉप-16) से संबंधित वेबसाइट पर कहा गया है, देशों से अपेक्षा की जाती है कि वे 21 अक्टूबर से एक नवंबर तक चलने वाले कैली शिखर सम्मेलन की शुरुआत तक उन राष्ट्रीय जैव विविधता योजनाओं को सामने लाएं जिन्हें राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियां और कार्य योजनाएं (एनबीएसएपी) के रूप में जाना जाता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन प्रस्तुतियों का उपयोग इस बात के आकलन करने के लिए किया जाएगा कि 2022 में कॉप-15 शिखर सम्मेलन के बाद से कितनी प्रगति हुई है और आगे बढ़ने के लिए किन चीजों को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

आनुवंशिक जानकारी को साझा करना और संबंधित देश को भुगतान करना

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों से ली गई आनुवंशिक जानकारी का उपयोग नई दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों या अन्य व्यावसायिक चीजों के शोध और विकास में किया जा सकता है। राष्ट्रीय कानून और 2010 के नागोया प्रोटोकॉल में इस बात पर गौर किया गया था कि नमूनों को साझा करने के लिए इससे संबंधित देशों को किस तरह भुगतान किया जाएगा।

लेकिन अब जब जीनोम को सालों के बजाय घंटों में अनुक्रमित किया जा सकता है, तो ऑनलाइन साझा की जाने वाली डिजिटल आनुवंशिक जानकारी की मात्रा में भारी वृद्धि हुई है और यह मूल नमूनों से तेजी से अलग हो रही है।

शिखर सम्मेलन का उद्देश्य उन आंकड़ों तक पहुंच के लिए भुगतान करने हेतु एक वैश्विक बहुपक्षीय प्रणाली स्थापित करना है, जिसे डिजिटल अनुक्रम सूचना (डीएसआई) कहा जाता है। एक समझौते में संभवतः यह स्पष्ट किया जाएगा कि भुगतान कब, किसके द्वारा और कहां किया जाना चाहिए। कंपनियों को उम्मीद है कि संभावित सौदे से डीएनए अनुक्रमों के साथ काम करने की कानूनी अनिश्चितताएं समाप्त हो जाएंगी।

स्वदेशी समुदाय की भूमिका पर जोर

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, कॉप-16 के मेजबान देश कोलंबिया ने कैली में स्वदेशी और पारंपरिक समुदायों को अपने एजेंडे के प्रमुख केंद्र में रखा है। जैव विविधता पर कन्वेंशन के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय - जो मूल 1992 प्रकृति संधि के कार्यान्वयन की देखरेख करता है, इसने स्वैच्छिक अलगाव में स्वदेशी समूहों को विशेष सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया है, प्रकृति की रक्षा में इन समुदायों की भूमिका पर जोर दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, कॉप-16 राष्ट्रीय संरक्षण योजनाओं और निर्णयों में पारंपरिक ज्ञान को शामिल करने के लिए एक नए कार्यक्रम को अंतिम रूप देने पर विचार करने की भी बात सामने आई है। शिखर सम्मेलन के वार्ताकार स्वदेशी मुद्दों पर एक स्थायी निकाय के संभावित निर्माण पर भी चर्चा करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र के निर्णय लेने में इन समूहों का प्रतिनिधित्व हो।

साल 2022 में मॉन्ट्रियल में कॉप-15 में धनी देशों ने विकासशील देशों को उनके प्रकृति के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करने के लिए 2025 से शुरू होने वाले कम से कम 20 बिलियन डॉलर का योगदान देने पर सहमति व्यक्त की, जिसका लक्ष्य 2030 तक 30 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया।

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के अनुसार, सरकारों ने 2022 में विकासशील देशों को जैव विविधता पर मदद करने के लिए लगभग 15.4 बिलियन डॉलर प्रदान किए, जो 2021 में 11.4 बिलियन डॉलर से अधिक है। कैली में सरकारों और कंपनियों दोनों से प्रकृति की ओर धन के लिए नए तंत्रों पर चर्चा करते हुए आगे के वित्तपोषण संबंधी प्रयासों की घोषणा की जा सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कॉप-16 को नवंबर में अजरबैजान के बाकू में होने वाले कॉप-29 जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले दबाव बढ़ाना चाहिए, ताकि जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने में प्रकृति की भूमिका को बेहतर ढंग से पहचाना जा सके।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in