रिपोर्ट बताती है कि एक क्लाउड फ़ॉरेस्ट बॉन्ड सरकारों को अपने क्लाउड वनों की रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। क्लाउड वनों का अर्थ है वह जंगल जो शीर्ष उष्णकटिबंधीय पहाड़ों पर हैं और बड़े पैमाने पर धुंध में डूबे हुए है ।
इस तरह के उपकरण कार्बन भंडारण को प्रोत्साहित करेंगे और संप्रभु स्तर की कार्बन वित्त योजनाओं के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के भुगतान के लिए धन उपलब्ध कराएंगे, ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है ।
मेघ वन, जो एक सीमित क्षेत्र पर ही पाए जाते हैं, बहुत खतरे में हैं और उनका जल विज्ञान संबंधी कार्य और नीचे की ओर रहने वाले लाखों लोगों के लिए अस्तित्वगत मूल्य प्रदान करता है । सिर्फ 25 देशों में दुनिया के 90 प्रतिशत मेघ वन हैं जो हवा से नमी को पकड़ते हैं और नीचे के लोगों और उद्योगों को ताजा और साफ पानी उपलब्ध कराते हैं।
अर्थ सिक्योरिटी, एक वैश्विक प्रकृति-आधारित परिसंपत्ति प्रबंधन सलाहकार फर्म, द्वारा जारी एक प्रकृति-आधारित समाधान क्लाउड फ़ॉरेस्ट एसेट्स फ़ाइनेंसिंग की नई रिपोर्ट के अनुसार, बांड इन सरकारों को परोपकार, सार्वजनिक वित्त और निजी निवेश जैसे क्लाउड वनों की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के आर्थिक मूल्य प्रदान करेंगे ।
ये पच्चीस देश जिन में विश्व के 90% क्लाउड फारेस्ट हैं, वे हैं इंडोनेशिया, तंजानिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, कोलंबिया, पेरू, वेनेजुएला, मैक्सिको, पापुआ न्यू गिनी, ब्राजील, इथियोपिया, इक्वाडोर, कैमरून, बोलीविया, चीन, लाओस, केन्या, मलेशिया, अंगोला, युगांडा, मेडागास्कर , फिलीपींस, गैबॉन, वियतनाम, कांगो गणराज्य और म्यांमार।
अर्थ सिक्योरिटी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अलेहानद्रो लिटोवस्की ने कहा, इन देशों में लगभग 979 हाइड्रोपावर बांध हैं और उनमें से लगभग आधे मेघ वन से पानी का उपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि इन सरकारों को 1,084 बांधों के साथ अपनी जलविद्युत क्षमता में वृद्धि करनी है और कई पर कार्य चालू भी हो चुका है। "इनमें से 684 - दो तिहाई - मेघ वनों के पानी पर निर्भर होंगे।
हाइड्रोपावर का कुल मूल्य जो वर्तमान में इन 25 देशों में बादल प्रभावित जंगलों पर निर्भर करता है, 10 वर्षों में 118 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। विकसित किए जा रहे नए हाइड्रोपावर संयंत्रों के चालू होने पर यह बढ़कर डॉलर 246 बिलियन डॉलर हो जाएगा।
रिपोर्ट में भुगतान योजनाओं के माध्यम से क्लाउड फ़ॉरेस्ट संरक्षण के लिए वित्तपोषण जुटाने का प्रस्ताव रखा गया है जिसके तहत जलविद्युत परियोजनाएं और अन्य औद्योगिक जल उपयोगकर्ता क्लाउड फ़ॉरेस्ट से लाभान्वित होते हैं जो इस सेवा के लिए भुगतान करेंगे ।
लिटोव्स्की ने कहा, "ये वन वर्तमान में संरक्षित क्षेत्र नहीं हैं, लेकिन उन्हें होना चाहिए । जैसे देश किसी अन्य प्रकार के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा करते हैं उसी तरह इन वनों को भी सुरक्षा की ज़रुरत है।"
लिटोव्स्की ने उन सभी 25 देशों के समूह को स्थापित करने के लिए एक क्लाउड फ़ॉरेस्ट 25 (CF25) निवेश पहल का भी प्रस्ताव दिया है, जिनके पास अधिकतम क्लाउड फ़ॉरेस्ट है, ताकि बाज़ार के अंतर्राष्ट्रीय अनुप्रयोग में तेजी लाई जा सके और बड़े पैमाने पर समाधान प्राप्त करने के लिए आवश्यक वित्त और डेटा एकत्र किया जा सके।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सॉवरेन कार्बन फाइनेंस अगले दशक में इन देशों में अतिरिक्त 209 बिलियन डॉलर जोड़ सकता है। "कार्बन और मौजूदा जलविद्युत संयंत्रों को प्रदान किए जाने वाले पानी के संदर्भ में इन वनों का मूल्य, 10 वर्षों में पच्चीस देशों के लिए 327 डॉलर बिलियन होगा ।"
लिटोव्स्की ने कहा कि यह यह सिद्ध हो चुका है कि जहां स्वदेशी लोगों और स्थानीय समुदायों के भूमि स्वामित्व अधिकारों को पूरी तरह से मान्यता प्राप्त है और उनका प्रयोग किया जाता है वहां वन संरक्षण उच्चतम है ।
क्लाउड फ़ॉरेस्ट बॉन्ड विकासशील देशों को अपनी ऋण स्थिति में सुधार करने और प्रकृति द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं से नई, दीर्घकालिक आय स्त्रोतों के निर्माण का अवसर देंगे । ये बांड तीन प्रकार से लागू किये जा सकते हैं जैसे नए बांड जारी करने, कर्ज की अदला-बदली और परिणाम-आधारित वित्तपोषण उपकरणों के रूप में।
रिपोर्ट में कहा गया है, "हम अनुशंसा करते हैं कि बैंक, निवेशक और कॉर्पोरेट जो बांधों और अन्य जल-गहन संपत्तियों को संचालित करते हैं, जो क्लाउड फ़ॉरेस्ट से लाभान्वित होते हैं, वे जोखिम के मूल्य को पहचानते हैं, और सूखे और जलवायु परिवर्तन के लिए अपने लचीलेपन में क्लाउड फ़ॉरेस्ट की भूमिका निभायें।"
रिपोर्ट का उद्देश्य तीन हितधारकों को लक्षित करना है - राष्ट्रीय सरकारें, (क्लाउड फ़ॉरेस्ट देशों में स्वदेशी लोगों के संगठनों और स्थानीय विशेषज्ञों सहित गैर-लाभकारी और समुदाय) सार्वजनिक वित्त संस्थान(दाता, बहुपक्षीय विकास बैंक, विकास वित्त संस्थान और वैश्विक गैर-लाभकारी) और निजी क्षेत्र (बैंक और निवेशक, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां और पुनर्बीमाकर्ता, जल-गहन संपत्तियों का संचालन करने वाली कंपनियां जो क्लाउड वनों पर निर्भर करती हैं)