कूनो राष्ट्रीय पार्क में आठवें चीते की मौत, गले में थे चोट के निशान

एक सप्ताह के भीतर कूनो राष्ट्रीय पार्क में चीते की यह दूसरी मौत है। इससे पहले 11 जुलाई को चार वर्षीय तेजस की गर्दन पर चोट के कारण मौत की सूचना मिली थी।
कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई। फाइल फोटो: पीआईबी
कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई। फाइल फोटो: पीआईबी
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कूनो राष्ट्रीय पार्क में एक और चीते की मौत हो गई। इस तरह अब तक यहां आठ चीतों की मोत हो चुकी है। सूरज नाम का यह चीता 14 जुलाई की सुबह मृत अवस्था में पाया गया।

पार्क की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मसवानी बीट के अंतर्गत पार्क के पूर्वी पालपुर क्षेत्र में सुबह करीब साढ़े छह बजे सूरज को निगरानी टीम ने कमजोर हालत में पाया। करीब से देखने पर अधिकारियों को सूरज की गर्दन पर मक्खियाँ मंडराती हुई मिलीं। जैसे ही अधिकारी सावधानी से उसकी ओर बढ़े, वह खड़ा हो गया और दूर भाग गया। 

इस बारे में तुरंत नियंत्रण कक्ष और निगरानी टीम के अन्य सदस्यों को सूचित किया गया। पशुचिकित्सक और अन्य अधिकारी सुबह करीब नौ बजे मौके पर पहुंचे और चीते की तलाश शुरू की। हालांकि, जब वे उसके पास पहुंचे, तो सूरज मृत पाया गया।

प्राथमिक जांच में मौत का कारण गर्दन और पीठ पर चोट लगना सामने आया है। प्रेस नोट में कहा गया है कि विस्तृत कारण शव परीक्षण के बाद पता ही चलेगा।

एक सप्ताह के भीतर कूनो राष्ट्रीय पार्क में चीते की यह दूसरी मौत है। इससे पहले 11 जुलाई को चार वर्षीय तेजस की गर्दन पर चोट के कारण मौत की सूचना मिली थी।

इससे पहले पार्क में तीन शावकों समेत छह चीतों की जान जा चुकी है। 26 जून को हुई एक घटना में चीतों के दो समूहों के बीच झड़प के बाद अग्नि नाम के एक नर चीते को चोटें आईं।

मार्च में नामीबियाई चीता साशा की गुर्दे की विफलता के कारण मौत हो गई थी, जबकि 24 अप्रैल को उदय नामक चीते की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। अधिकारियों ने मादा चीता, दक्षा को 9 मई को दो नर चीतों के साथ संभोग करते समय मृत पाया था।

गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने 72वें जन्मदिन पर आठ नामीबियाई चीतों को कूनो राष्ट्रीय पार्क में छोड़ा था। जबकि 18 फरवरी 2023 को 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया।

29 मार्च को नामीबिया की मादा ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया। इनमें तीन की मौत हो चुकी है। 

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