कभी दिन के थे राजा, अब हैं रात के उल्लू

जानिए, कैसे हम मनुष्यों के हस्तक्षेप के कारण बदल रहा है जंगली जीवों का व्यवहार
कभी दिन के थे राजा, अब हैं रात के उल्लू
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जैसे-जैसे मनुष्यों की महत्वाकांक्षा बढ़ती जा रही है, वो तेजी से जंगलों में जानवरों के आवासों पर अतिक्रमण कर रहे हैं, जिसका परिणाम है कि अब पहले की तुलना में दिन में ज्यादा व्यस्त रहने वाले जानवर अब रात्रिचर हो रहे हैं और वह अपनी दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए अंधेरे की शरण लेने के लिए मजबूर हैं। 

उदाहरण के लिए, सन बियर को ले लीजिये, जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है। सन बियर यानी, सूर्य की रोशनी में रहने वाला भालू । एक सन बियर अपने प्राकृतिक आवास में, अपने दैनिक कार्यों को दिन के उजाले में निपटाता था, और अपना 80 प्रतिशत से अधिक समय दिन की रोशनी में व्यस्त रहकर बिताता था, लेकिन जंगलों में इंसानों के बढ़ते अतिक्रमण के चलते इसका जीवन नाटकीय ढंग से बदल रहा है । जर्नल साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि इंसानी गतिविधियों से परेशान यह जीव आज अपना 90 प्रतिशत से अधिक समय रात के वक्त विचरते हुए और दैनिक कार्यों को करते हुए बिता रहे हैं । जो स्पष्ट दर्शाता है कि इंसान की उनके आवास के आसपास उपस्थिति किस तरह उन्हें निशाचर बना रही है । 

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