थाईलैंड में 30 साल बाद फिर दिखाई दी दुर्लभ जंगली बिल्ली

30 वर्षों बाद थाईलैंड के जंगलों में दुर्लभ फ्लैट-हेडेड बिल्ली की वापसी ने वन्यजीव संरक्षण के लिए नई आशा जगाई
दुर्लभ जंगली बिल्ली दुनिया की सबसे संकटग्रस्त प्रजातियों में है और इसकी संख्या बेहद कम बताई जाती है आज भी
दुर्लभ जंगली बिल्ली दुनिया की सबसे संकटग्रस्त प्रजातियों में है और इसकी संख्या बेहद कम बताई जाती है आज भी
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सारांश
  • थाईलैंड में फ्लैट-हेडेड बिल्ली 30 वर्षों बाद कैमरा ट्रैप सर्वे में फिर से जीवित पाई गई जंगलों के भीतर सुरक्षित

  • दुर्लभ जंगली बिल्ली दुनिया की सबसे संकटग्रस्त प्रजातियों में है और इसकी संख्या बेहद कम बताई जाती है आज भी

  • सर्वे में मादा बिल्ली के साथ उसका बच्चा दिखा जो संरक्षण के लिए बेहद सकारात्मक संकेत माना जा रहा है

  • आवास नष्ट होने कृषि विस्तार और बीमारियों के कारण थाईलैंड में यह प्रजाति खतरे में लंबे समय से बनी हुई

  • विशेषज्ञों के अनुसार यह खोज शुरुआत है और दीर्घकालिक संरक्षण प्रयास अब सबसे जरूरी बन गए हैं सभी देशों के

थाईलैंड से एक बहुत ही अच्छी और आश्चर्यजनक खबर सामने आई है। एक दुर्लभ जंगली बिल्ली, जिसे फ्लैट-हेडेड कैट (चपटा सिर वाली बिल्ली) कहा जाता है, लगभग 30 साल बाद फिर से देखी गई है। इस बिल्ली को लंबे समय से थाईलैंड में विलुप्त माना जा रहा था, लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने इसकी मौजूदगी की पुष्टि की है।

फ्लैट-हेडेड कैट दुनिया की सबसे दुर्लभ और संकटग्रस्त जंगली बिल्लियों में से एक है। इसका आकार लगभग घरेलू बिल्ली जितना होता है। इसकी आंखें गोल और पास-पास होती हैं, जिससे यह आसानी से पहचानी जा सकती है। यह बिल्ली मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है और घने, नम इलाकों में रहना पसंद करती है।

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थाईलैंड के प्रिंसेस सिरिंधोर्न वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में पिछले साल एक पर्यावरणीय सर्वे शुरू किया गया था। इस सर्वे के दौरान वैज्ञानिकों ने जंगल में कैमरा ट्रैप लगाए। ये कैमरे जानवरों की तस्वीरें और वीडियो अपने-आप रिकॉर्ड कर लेते हैं। इन्हीं कैमरों में फ्लैट-हेडेड कैट की 29 बार मौजूदगी दर्ज की गई।

इस खोज की सबसे खास बात यह थी कि कैमरों में एक मादा बिल्ली अपने बच्चे के साथ दिखाई दी। यह बहुत ही दुर्लभ और उत्साहजनक संकेत है, क्योंकि यह प्रजाति आमतौर पर एक समय में केवल एक ही बच्चा पैदा करती है। इससे यह उम्मीद जगी है कि यह प्रजाति अभी भी प्रजनन कर रही है।

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वैज्ञानिकों के अनुसार यह तय करना अभी मुश्किल है कि ये 29 रिकॉर्डिंग कितनी अलग-अलग बिल्लियों की हैं। इसका कारण यह है कि इस प्रजाति के शरीर पर ऐसे खास निशान नहीं होते, जिनसे हर बिल्ली को अलग-अलग पहचाना जा सके। फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि इस इलाके में इन बिल्लियों की संख्या उम्मीद से बेहतर हो सकती है।

फ्लैट-हेडेड कैट आमतौर पर रात में सक्रिय रहती है और इंसानों से दूर रहती है। यह दलदली जंगलों, पीट स्वैम्प और मीठे पानी के मैंग्रोव क्षेत्रों में पाई जाती है। ये इलाके बहुत दुर्गम होते हैं, इसलिए शोध करना भी काफी कठिन होता है।

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पूरी दुनिया में इस प्रजाति की संख्या बहुत कम है। अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के अनुसार, जंगल में लगभग 2,500 वयस्क फ्लैट-हेडेड कैट ही बचे हैं। इसी कारण इसे “एंडेंजर्ड” यानी संकटग्रस्त प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है।

थाईलैंड में इसके लिए सबसे बड़ा खतरा आवास का नष्ट होना है। दलदली जंगलों को खेती, सड़क और अन्य विकास कार्यों के लिए काटा जा रहा है। इससे ये बिल्लियां छोटे-छोटे इलाकों में फंस जाती हैं और एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पातीं। इसके अलावा, घरेलू जानवरों से फैलने वाली बीमारियां भी इनके लिए खतरा बन रही हैं।

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विशेषज्ञों का कहना है कि यह खोज जरूर आशा जगाने वाली है, लेकिन असली काम अब शुरू होता है। इन बिल्लियों को बचाने के लिए उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा करनी होगी और इंसानों तथा वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाना होगा।

जैसा कि एक शोधकर्ता ने कहा, यह खोज केवल एक शुरुआत है। अब सबसे जरूरी सवाल यह है कि हम इन दुर्लभ जीवों को सुरक्षित और टिकाऊ तरीके से अपने साथ कैसे रहने दे सकते हैं।

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