एक जलवायु विशेषज्ञ ने डाउन टू अर्थ (डीटीई ) को जानकारी दी है कि पिछले 123 वर्षों में अगस्त 2023 सबसे सूखा अगस्त का महीना साबित हो सकता है। गौरतलब है कि एक से 21 अगस्त के बीच, देश में कुल 115.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले पिछला रिकॉर्ड 2005 का था जब देश में 190.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
हालांकि इसके बावजूद हिमालयी राज्यों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए इस महीने का समापन मुश्किलों भरा रह सकता है। जहां भीषण बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की आशंका है।
इस बारे में नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंस और रीडिंग यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञान विभाग से जुड़े वैज्ञानिक अक्षय देवरस ने डीटीई के साथ हुई बातचीत में जानकारी दी है कि, "यह देखते हुए कि मानसून में संभावित रुकावट के चलते अगस्त के बाकी दिनों में बारिश के औसत से कम रहने की आशंका है। ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि अगस्त 2023 रिकॉर्ड का सबसे सूखा अगस्त बन सकता है।"
गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून तब ब्रेक लेता है जब कम दबाव का क्षेत्र, जिसे मानसूनी गर्त कहा जाता है, अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर बढ़ता है। आम तौर पर, इसकी सामान्य स्थिति इस समय उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में स्थित होती है, जिसे मुख्य मानसूनी वर्षा क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है।
इस विराम चरण में अधिकांश बारिश हिमालय की तलहटी और पूर्वोत्तर में केंद्रित होती है। मानसून में सबसे हालिया ब्रेक सात से 18 अगस्त तक चला था। बता दें कि यह 21वीं सदी के दौरान मानसून में आया तीसरा सबसे लंबा ब्रेक था, इससे पहले केवल 2002 और 2009 में इस तरह के विराम दर्ज किए गए थे।
देवरस के अनुसार, मानसून ट्रफ, 21 अगस्त से फिर से उत्तर की ओर बढ़ना शुरू हो गया था जो 24 अगस्त 2023 तक वहां स्थिर हो जाएगा। उनके अनुसार मानसून में पिछला ब्रेक बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने एक नए निम्न दबाव क्षेत्र के कारण बाधित हुआ था, लेकिन वो मानसूनी प्रणाली को सक्रिय करने में विफल रहा था। देवरस ने स्पष्ट किया कि चूंकि निम्न दबाव प्रणाली गायब हो गई है, इसलिए मानसून वापस ब्रेक की स्थिति में लौट रहा है।
मानसून में आए हाल के ठहराव से, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में तेज और असाधारण रूप से भारी वर्षा हुई थी। इस बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई लोगों की मौत हो गई थी और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा था।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अनुसार, 14 से 20 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण करीब 78 लोगों की जान गई है। वहीं अफसोस की बात है कि आने वाले दिनों में स्थिति और भी बदतर हो सकती है।
देवरास का कहना है कि, "पहाड़ी राज्यों के साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी एक बार फिर बारिश तेज हो सकती है। इस सप्ताह के लिए जारी पूर्वानुमान के अनुसार, नेपाल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी बारिश होने की संभावना है। इससे भूस्खलन और बाढ़ की चिंता बढ़ गई है।
21 अगस्त 2023 को, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 21, 22, 23 और 24 अगस्त को उत्तराखंड के साथ-साथ 23 और 24 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के लिए भारी बारिश का संकेत देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं मौसम विज्ञान एजेंसी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश और असम में कई दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।