विश्व कप फुटबाल 2026 के आयोजन के समय पर मौसम विज्ञानियों का सवाल

कई बार ऐसे मौसम में फुटबाल के आयोजन कराए गए जब उन स्थानों पर लगातार चरम मौसमी घटनाएं घटित हो रहीं थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या फुटबाल का 2026 का विश्व कप अमेरिका की गर्मियों के मौसम के मध्य में आयोजित किया जाना चाहिए
क्या विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल फुटबाल का 2026 का विश्व कप अमेरिका की गर्मियों के मौसम के मध्य में आयोजित होना चाहिए?; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
क्या विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल फुटबाल का 2026 का विश्व कप अमेरिका की गर्मियों के मौसम के मध्य में आयोजित होना चाहिए?; प्रतीकात्मक तस्वीर: आईस्टॉक
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फुटबाल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है और इस खेल को संवारने और इसके टूर्नामेंट कराने वाली संस्था फीफा द्वारा कराए जाने वाले खेल आयोजनों के समय को लेकर दुनिया भर के मौसम विज्ञानी सवाल उठा रहे हैं।

क्योंकि कई बार ऐसे मौसम में फुटबाल के आयोजन कराए गए जब उन स्थानों पर लगातार चरम मौसमी घटनाएं घटित हो रहीं थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या विश्व का सबसे लोकप्रिय खेल फुटबाल का 2026 का विश्व कप अमेरिका की गर्मियों के मौसम के मध्य में आयोजित होना चाहिए ?

क्या आयोजकों ने ऐसे मौसम को देखा और परखा है ? कुछ समय पहले अमेरिका में कोपा अमेरिका कप का आयोजना किया गया था और ध्यान रहे कि यह ऐसे समय आयोजित हुआ जब अमेरिका में सबसे अधिक गर्मी होती है।

लेकिन इसके बावजूद अमेरिका में कोपा अमेरिका का आयोजन हुआ। इन मैच के दौरान आयोजकों के लिए मैदान की स्थिति, भीड़ पर नियंत्रण और सुरक्षा की चिंताओं के अलावा अमेरिकी शहर मियामी में कोपा अमेरिका फाइनल का आयोजन हुआ। और इसका विभित्स रूप भी उस समय सामने आया जब टूर्नामेंट का फाइनल अपने निर्धारित समय पर शुरू नहीं हो सका। कारण कि फुटबाल के खेल प्रेमी गर्मी के चलते मैदान के बाहर खड़े होने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में वे जबरन खेल मैदान में घुस आए थे और फाइनल लगभग डेढ़ से दो घंटे देरी से शुरू हो पाया।

न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट में प्रकाशित एक खबर में कहा गया है कि एक्यूवेदर मौसम के 45 मौसम विज्ञानियों की एक टीम का नेतृत्व करने वाले डीपोडविन के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका में पिछले दिनों बहुत ज्यादा गर्मी रही और अनुमान है कि यह अब तक की सबसे भीषण गर्मियों में से एक होगी। वह कहते हैं निश्चित रूप से यह बहुत गर्म अवधियों के लिए एक वैश्विक प्रवृत्ति है लेकिन कोपा अमेरिका के दौरान हम कितनी बुरी तरह से प्रभावित होते हैं, यह सबके सामने है। डीपोडविन कहते हैं कि उच्च आर्द्रता ने उन बढ़ते तापमानों के प्रभाव को और बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि मियामी में जहां फाइनल हुआ, वहां मौसम का वास्तविक अनुभव 35 डिग्री सेल्सियस तक हुआ। डीपोडविन कहते हैं कि सुबह या देर शाम खेल शुरू करने से मदद अवश्य मिलेगी लेकिन हम जानते हैं कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के ग्रुप चरणों में यह हमेशा संभव नहीं हो सकता है। इसके बावजूद उनका कहना है कि इस गर्मी से सबक लिया जाना चाहिए।

विशेषकर उन स्थानों से जिन्होंने मैचों की मेजबानी की और आगामी गर्मियों में क्लब के मैच और 2026 विश्व कप की फिर से मेजबानी करेंगे। इन स्थानों में गर्मी और अन्य चरम मौसमी घटनाओं के कारण बिजली, प्रदूषित हवाएं और तेज बारिश भी होती है। निश्चित रूप से यह एक जोखिम भरा काम है। फीफा को उन परिस्थितियों में एथलीटों पर पड़ने वाले तनाव के बारे में सोचना चाहिए और साथ ही खेल प्रेमियों के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए।

पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मौके आए हैं जब जंगल की आग के धुएं ने अमेरिका के कुछ हिस्सों में खतरनाक स्तर तक वायु को प्रदूषित कर दिया था। उदाहरण के लिए जून 2023 में उत्तर-पूर्वी अमेरिका में कई दिनों तक खतरनाक स्तर तक वायु की गुणवत्ता खराब रही, जिसके कारण कई खेल आयोजन और अन्य बाहरी गतिविधियां रद्द कर दी गईं थीं।

यदि 2026 के विश्व कप के दौरान भी ऐसी ही स्थिति पैदा होती है तो फिर मैच को देरी से शुरू करने या रद्द करने के लिए तैयार रहना चाहिए। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बड़े टूर्नामेंट गर्मियों को छोड़कर साल के दूसरे समय में आयोजित किए जाने चाहिए। यहां तक कि सितंबर में विश्व कप होने का सही मौसम रहेगा।

लेकिन जाहिर है कि तब प्रत्येक देश के सभी घरेलू सत्रों पर इसका असर पड़ेगा। विश्व कप से पहले मौसम के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर फीफा के प्रवक्ता ने बताया, “हमने अपने आयोजन के दौरान व्यापक रूप से मौसमीय आंकड़ों का बड़े स्तर पर अध्ययन किया है और साथ ही 2026 से पहले मौसम के रुझानों की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

प्रवक्ता का कहना था कि यह निगरानी लगातार जारी रहेगी। साथ ही यह भी कहा कि इस साल की शुरुआत में ही हमने विश्व कप के शेड्यूल की घोषणा के दौरान इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया था कि फीफा की टीमों और प्रशंसकों के लिए हर हाल में मौसम को अनुकूल बनाए रखने का अपनी ओर से हर संभव कोशिश करेंगे।

कुछ दिनों पूर्व चिलचिलाती गर्मी से लेकर मूसलाधार बारिश और बिजली गिरने तक के चरम मौसमी घटनाओं के कारण कोपा अमेरिका और इसके अलावा विभिन्न यूरोपीय क्लबों के बीच खेले जाने वाले मैचों के देर से शुरू होने की प्रवृत्ति देखी गई है।

और इस दौरान फुटबाल समर्थकों, अधिकारियों और खिलाड़ियों को इन चरम मौसमी घटनाओं के प्रभाव से जूझना पड़ा। विश्व के कुछ मौसम विज्ञानियों का मानना है कि विश्व कप फुटबाल की आयोजन संस्था फीफा को जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली चरम मौसमी घटनाओं को भ्नविष्य में अपने कार्यक्रम निर्धारित करने के पूर्व प्राथमिकता हर हाल में देनी चाहिए। साथ ही गर्मियों के दौरान होने वाले प्रमुख टूर्नामेंटों की व्यवहार्यता के बारे में गंभीरता पूर्वक से विचार किया जाना चाहिए।

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया है कि एक्यूवेदर के पूर्वानुमान संचालन के वरिष्ठ निदेशक डैन डीपोडविन ने इन मैचों को ऐसी जगहों पर आयोजित करने के बारे में गंभीरता पूर्वक बातचीत की सलाह दी है, जहां गर्मियों में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से अधिक न हो।

पिछले सप्ताह ऑरलैंडो में मैनचेस्टर सिटी के साथ बार्सिलोना का हाई-प्रोफाइल मैत्रीपूर्ण मैच तूफान के कारण 80 मिनट तक रुका रहा। खेल शुरू होने से पहले खेल प्रेमियों को तूफान से बचने के लिए कैम्पिंग वर्ल्ड स्टेडियम में स्टैंड के नीचे जैसे-तैसे शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसक अलावा मैनचेस्टर सिटी के अपने अमेरिका दौरे का पहले गेम के कुछ घंटे पहले मौसम की चेतावनी जारी होने के बाद उत्तरी कैरोलिना के केनन स्टेडियम को खाली करना पड़ा।

फ्लोरिडा में वॉल्व्स और वेस्ट हैम के बीच एक और मैच भी दो घंटे से ज्यादा देरी से शुरू हुआ, क्योंकि जैक्सनविले के डाउनटाउन में आंधी-तूफान आया और शहर में अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई। कोपा अमेरिका के दौरान भीषण गर्मी ने कई परेशानियां खड़ी की थीं।

25 जून 2024 को कैनसस सिटी के चिल्ड्रन्स मर्सी पार्क में कनाडा और पेरू के ग्रुप-स्टेज मैच के दौरान सहायक रेफरी में से एक हम्बर्टो पंजोज गर्मी से बेहाल होकर बेहोश हो गए। ग्वाटेमाला का एक खिलाड़ी मैच के पहले हाफ में जो कि शाम 5 बजे शुरू हुआ था लेकिन जैसे ही तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचा और आर्द्रता 50 प्रतिशत हुई, वह बेहोश हो गए और उन्हें मैदान से बाहर ले जाया गया।

दो दिन पहले, उरुग्वे के डिफेंडर रोनाल्ड अराउजो को अपनी टीम की पनामा पर जीत के दौरान गर्मी से संबंधित समस्याओं के कारण मैदान छोड़ना पड़ा था। अराउजो ने बताया कि उन्हें चक्कर आ रहा था और उनका रक्तचाप गिर गया था। 25 वर्षीय खिलाड़ी ने बाद में कहा कि सच तो यह है कि मुझे अभी भी थोड़ा चक्कर आ रहा है। मेरा रक्त दबाव कम हो गया है। जब पहला हाफ खत्म हुआ तो मुझे थोड़ा चक्कर आ रहा था और जब मैं ड्रेसिंग रूम में पहुंचा तो मेरा दबाव कम हो गया। डॉक्टर ने कहा कि यह थोड़ा डिहाइड्रेशन है और मैं दूसरे हाफ में खेलना जारी नहीं रख सकता।

तेजी गर्मी के कारण टीमों की तैयारी पर भी असर पड़ा। पैराग्वे के मैनेजर डैनियल गार्नेरो ने प्रशिक्षण के दौरान गर्मी को दमनकारी बताया और कहा कि सूरज वास्तव में बहुत तेज है और बहुत देर से ढलता है, इसलिए हमें अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा है। लास वेगास के एलीगेंट स्टेडियम में पैराग्वे पर ब्राजील की  की जीत से पहले टीम को शाम 5 बजे बेट्टी विल्सन सॉकर कॉम्प्लेक्स में प्रशिक्षण लेना था लेकिन वहां इतनी गर्मी थी कि उन्होंने दो घंटे की देरी से अभ्यास शुरू किया।

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