मौसम की मार: 5 साल में 8,723 की मौत, 14.796 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलों का नुकसान

डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट में भारत में अतिशत मौसमी घटनाओं का विश्लेषण किया जाता है
ओलावृष्टि की वजह से लहसुन की फसल को हुए नुकसान को दिखाता एक किसान। फाइल फोटो: कुंदन पांडेय
ओलावृष्टि की वजह से लहसुन की फसल को हुए नुकसान को दिखाता एक किसान। फाइल फोटो: कुंदन पांडेय
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भारत में मौसम की वजह से नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2020 इन फिगर्स रिपोर्ट बताती है कि साल 2014-15 से 2018-19 के बीच अतिशय मौसम की घटनाओं के वजह से आई आपदाओं के कारण 8,723 लोगों की जान गई।

सबसे अधिक नुकसान घरों और पशुधन का हुआ। 2018-19 में इन आपदाओं की वजह से 15,57,908 घर क्षतिग्रस्त हो गए। जबकि 1,23,014 पशु मारे गए।

अतिशय मौसम की घटनाओं का फसलों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। रिपोर्ट बताती है कि 2014-15 से 2018-19 के बीच यानी पांच साल के दौरान लगभग 14.796 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलों का नुकसान हुआ। सबसे अधिक 2017-18 में 4.744 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलों का नुकसान हुआ।

रिपोर्ट के मुताबिक बेमौसमी घटनाएं बढ़ने के बावजूद सरकार ने इन आपदाओं पर होने वाला खर्च घटा दिया। साल 2018-19 में जहां सरकारों ने 37,21,248 लाख रुपए खर्च किए थे, वहीं साल 2019-20 में सरकारों ने 28,85,854 लाख रुपए ही खर्च किए।

रिपोर्ट में आपदा प्रबंधन विभाग, केंद्रीय गृह मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की विभिन्न रिपोर्ट्स को आधार बनाया गया है।

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