दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर डिप्रेशन बना हुआ है। पश्चिम-मध्य अरब सागर के ऊपर बने एक और डिप्रेशन ने ओमान के तट को पार कर लिया है। वहीं एक चक्रवाती प्रसार दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश से दूर बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य पर बना हुआ है।
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट के हवाले से कहा है कि डिप्रेशन व चक्रवाती प्रसार का असर सबसे अधिक दक्षिण भारत के अलग-अलग हिस्सों पर दिखाई देगा। इस सप्ताह के दौरान केरल और माहे, कर्नाटक के अधिकतर हिस्सों में गरज के साथ बारिश होने तथा बिजली गिरने की आशंका है। इसी दौरान लक्षद्वीप, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भी तेज हवाओं के साथ बारिश के दौर के जारी रहने का पूर्वानुमान है।
जबकि आज, 16 अक्टूबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, रायलसीमा के अलग-अलग हिस्सों में वज्रपात होने तथा तूफानी हवाओं के साथ बहुत भारी से भयंकर बारिश होने के आसार हैं, इन राज्यों में 20 सेमी (200 मिमी) से अधिक बरस सकते हैं बादल।
वहीं आज, केरल और माहे, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तथा उत्तर आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, इन हिस्सों में 12 सेमी (120 मिमी) या उससे अधिक बारिश होने की आशंका है।
वहीं कल, यानी 15 अक्टूबर को दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हुई, इन राज्यों में 90 मिमी से लेकर 110 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई।
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि इस हफ्ते पश्चिम भारत के कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने, गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। वहीं सौराष्ट्र और कच्छ को छोड़कर, जहां 17 से 21 अक्टूबर तक मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है, जबकि पश्चिम भारत के शेष हिस्सों में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, कोंकण और गोवा के अलग-अलग हिस्सों में गरज व चमक के साथ जमकर बरस सकते हैं बादल, यहां बादलों के सात सेमी (70 मिमी) तक बरसने का अनुमान है।
विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में इस सप्ताह के दौरान भारी बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। आज, देश की राजधानी में अधिकतम तापमान के 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान के 21 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है। उत्तर भारत के कई इलाकों में हल्की ठंड का अहसास होने लगा है, जबकि पश्चिम राजस्थान के गंगानगर में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना हुआ है।
बंगाल की खाड़ी व अरब सागर में बने भयंकर डिप्रेशन के चलते आज, केरल, कर्नाटक के तटों और उससे सटे लक्षद्वीप के इलाकों, कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, श्रीलंका के तटों, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के तटों, दक्षिण-पश्चिम और उसके आसपास के दक्षिण-पूर्व तथा पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, पश्चिम मध्य अरब सागर के साथ-साथ ओमान के तटों, दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तथा तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र तट पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली भयंकर तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं। तूफानी गतिविधियों को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की सलाह दी है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2024 हुआ विदा, पूर्वोत्तर मॉनसून हुआ सक्रिय
कल, यानी 15 अक्टूबर 2024 को पूरे देश से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने आखिरकार विदाई ले ही ली है। इसके साथ ही, पूर्वोत्तर मॉनसूनी बारिश की गतिविधि भारत के दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप में शुरू हो गई है।
तापमान में उतार चढ़ाव
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान संबंधी मौसम विभाग का अपडेट देखें तो कल, पश्चिम राजस्थान के श्री गंगानगर में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में दिल्ली के रिज में न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस रहा।
कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 15 अक्टूबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कई इलाकों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में, पश्चिम मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बादल बरसे या तूफानी हवाओं के साथ बौछारें पड़ी।
वहीं कल, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, गुजरात, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कर्नाटक, केरल और माहे तथा रायलसीमा और तेलंगाना के अलग-अलग इलाकों में बारिश हुई या गरज के सतह बौछारें पड़ी।