पूर्वोत्तर मॉनसून भी हुआ सक्रिय, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की नहीं हुई पूरी विदाई

भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी में पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हवाएं चलने के साथ ही, भारत के दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप के इलाकों में पूर्वोत्तर मॉनसूनी बारिश की गतिविधि शुरू होने की संभावना है।
आज, तमिलनाडु, पुडुचेरी के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं, इन हिस्सों में 120 मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है।
आज, तमिलनाडु, पुडुचेरी के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं, इन हिस्सों में 120 मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है।
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मध्य अरब सागर पर बना डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान पांच किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और कल, 13 अक्टूबर, 2024 को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे उसी इलाके में बना हुआ था। यह ओमान के मसिराह से लगभग 830 किमी दक्षिण पूर्व, ओमान के सलालाह से 1140 किमी पूर्व और यमन के अल ग़ैदाह से 1350 किमी पूर्व में जारी है।

वहीं मौसम विभाग के द्वारा जारी ताजा अपडेट में कहा गया है कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रसार बन गया है। इसकी वजह से आज, 14 अक्टूबर के आसपास दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्सों में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के आसार हैं। इसके अगले 48 घंटों के दौरान और अच्छी तरह से कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ने की संभावना है।

मध्य अरब सागर पर बना डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान पांच किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है
मध्य अरब सागर पर बना डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान पांच किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है स्रोत: आईएमडी

चक्रवाती प्रसार और कम दबाव का सबसे अधिक असर भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप पर दिखने के आसार हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिणी प्रायद्वीप के तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, लक्षद्वीप, कर्नाटक के कई इलाकों में इस सप्ताह के दौरान बिजली गिरने तथा गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

वहीं इस हफ्ते तटीय आंध्र प्रदेश और यनम तथा रायलसीमा के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश तथा वज्रपात के आसार जताए गए हैं, जबकि इस दौरान तेलंगाना के कुछ हिस्सों में गरज के साथ हल्की बारिश तथा बिजली गिरने का अंदेशा है।

वहीं आज, दक्षिणी प्रायद्वीप के तमिलनाडु, पुडुचेरी के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं, इन हिस्सों में 12 सेमी (120 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है। आज, केरल और माहे, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग हिस्सों में जमकर बरसेंगे बादल, इन राज्यों में सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।

वहीं पश्चिम और मध्य भारत में मौसमी बदलाव संबंधी अपडेट देखें तो अगले दो दिनों के दौरान इन हिस्सों के गुजरात के अधिकतर हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा वज्रपात होने की आशंका जताई गई है। इस सप्ताह के दौरान कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बिजली गिरने तथा गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

कल यानी 13 अक्टूबर को सौराष्ट्र एवं कच्छ तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हुई, इन हिस्सों में 70 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई।

उत्तर-पश्चिम, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि इस सप्ताह के दौरान इन हिस्सों भारी बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। वहीं उत्तर के कुछ हिस्सों में पारा अभी भी 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना हुआ है, जिसके कारण गर्मी का दौर जारी है। दिल्ली-एनसीआर में सुबह के समय हल्की ठंड महसूस होने लगी है, जबकि दिन में तेज धूप के कारण गर्मी असहनीय हो रही है। आज देश की राजधानी में अधिकतम तापमान के 34 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान के 20 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है।

कम दबाव और चक्रवाती प्रसार की वजह से इसे जुड़े समुद्री इलाकों में मौसमी बदलाव देखा जा रहा है। मौसम विभाग की मानें तो आज, पश्चिम मध्य अरब सागर के कई हिस्सों, उत्तर अरब सागर के दक्षिणी हिस्सों, सोमालिया तट के साथ-साथ, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के कई इलाकों, मन्नार की खाड़ी, श्रीलंका तट, तमिलनाडु, दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों, पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं आज, अरब सागर के मध्य के हिस्सों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में इजाफा होकर 60 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

आज, उत्तरी अरब सागर के इससे सटे मध्य के इलाकों और पूर्व-मध्य अरब सागर में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे तक की गति छूने के आसार हैं। इन तूफानी गतिविधियों को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की सलाह दी है।

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2024 की विदाई

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने बिहार, झारखंड, पूरे पश्चिम बंगाल और सिक्किम के शेष हिस्सों, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, ओडिशा के कई इलाकों, असम और मेघालय के कुछ हिस्सों तथा उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से विदाई ले ली है।

वहीं दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की रेखा अब गोपालपुर, रायपुर, खरगोन, नंदुरबार और नवसारी से होकर आगे बढ़ रही है। अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों और उत्तरी बंगाल की खाड़ी से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी हो सकती है

पूर्वोत्तर मॉनसून 2024 हुआ सक्रिय

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई होते ही भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी में पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हवाएं चलने के साथ ही, दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीपीय इलाकों में पूर्वोत्तर मॉनसूनी बारिश की गतिविधि शुरू होने की संभावना है।

स्रोत: आईएमडी

तापमान में उतार चढ़ाव

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, पश्चिम राजस्थान के श्री गंगानगर में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में दिल्ली के रिज में न्यूनतम तापमान 16.0 डिग्री सेल्सियस रहा।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, 13 अक्टूबर को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र और कच्छ, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों, असम और मेघालय, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तथा लक्षद्वीप के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

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