
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ पंजाब और इसके आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 4.5 किमी ऊपर चक्रवाती प्रसार के रूप में लगातार बना हुआ है, साथ ही हवाओं का ट्रफ भी जारी है। वहीं हरियाणा तथा उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऊपरी हवा का चक्रवाती प्रसार बना हुआ है।
उपरोक्त मौसमी गतिविधियों के चलते आज, चार जून, 2025 को उत्तर-पश्चिम भारत के जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के कई हिस्सों में वज्रपात होने, 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, इन राज्यों में 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।
जबकि आज, हिमाचल प्रदेश के अधिकतर इलाकों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में इजाफा होकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने का भी अंदेशा जताया गया है।
वहीं, पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती प्रसार का असर उत्तर के मैदानी राज्यों पर भी पड़ सकता है, इसी क्रम में आज, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के कुछ हिस्सों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की दर से तूफानी हवाएं चलने, हल्की से मध्यम बारिश होने तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है, यहां भी बादलों के 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बरसने के आसार हैं।
पूर्वोत्तर भारत में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?
मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की गतिविधि के चलते अगले सात दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के दौर के जारी रहने की संभावना है, यहां 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बारिश हो सकती है।
जबकि चार और पांच जून, 2025 के दौरान पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश, जबकि असम और मेघालय के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अंदेशा जताया गया है, यहां 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।
पूर्वी और मध्य भारत में किस करवट बदलेगा मौसम?
पूर्वी बिहार के ऊपर समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर, ऊपरी हवा का चक्रवाती प्रसार जारी है। इसके कारण अगले एक हफ्ते के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के जारी रहने की संभावना है, जबकि आज, यहां के कुछ हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने का आसार हैं, यहां 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।
वहीं चार से सात जून, 2025 के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ ओर छत्तीसगढ़ में बिजली कड़कने, 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, इन हिस्सों में बादलों के 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बरसने का पूर्वानुमान है।
वहीं आज, बिहार, पश्चिमी मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने का अंदेशा जताया गया है।
भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में कैसा रहेगा मौसम?
मॉनसूनी गतिविधि के चलते आज, चार जून, 2025 को केरल के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने के आसार हैं, यहां 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक बारिश हो सकती है।
वहीं चार और पांच जून को तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, इन राज्यों में 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।इसी दौरान पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे दो से तीन डिग्री सेल्सियस उछाल आ सकता है।
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, पूर्वी उत्तर प्रदेश के बांदा में अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्वी राजस्थान के सीकर में न्यूनतम तापमान 18.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कहां रहेगा गर्म व उमस भरा मौसम, कहां चलेगी हीटवेव?
मौसम विभाग के ताजा अपडेट में कहा गया है कि चार से छह जून, 2025 के दौरान ओडिशा में और चार जून को पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में गर्म हवाएं चलने का अंदेशा जताया गया है।
वहीं चार और पांच जून को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में गर्म और उमस भरे मौसम के बने रहने की आशंका है। जबकि चार से छह जून के दौरान ओडिशा, चार जून को पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में गर्म और उमस भरे मौसम से छुटकारा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक, सोमालिया तट और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम अरब सागर, पश्चिम-मध्य अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं।
वहीं आज, केरल व कर्नाटक के तटों और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र, उत्तरी तमिलनाडु तट, मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों तथा उत्तरी बंगाल की खाड़ी के आसपास के हिस्सों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने की आशंका है।
उपरोक्त तूफानी हवाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी भी अन्य तरह की गतिविधि से दूर रहने की सलाह दी है।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, तीन जून को जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, केरल और माहे तथा लक्षद्वीप के अधिकतर इलाकों, पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, उत्तराखंड, पश्चिम राजस्थान, असम और मेघालय, ओडिशा, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, रायलसीमा, गुजरात, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई।
वहीं कल, तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, पूर्वी उत्तर प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पूर्वी मध्य प्रदेश के कई इलाकों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें दर्ज की गई, जबकि देश के बाकी हिस्से शुष्क रहे।
कल कहां कितने बरसे बादल?
कल, तीन जून को ओडिशा के भुवनेश्वर में 6 सेमी, पश्चिम मध्य प्रदेश के रायसेन में 3 सेमी, खरगोन में 2 सेमी, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों के दीघा में 2 सेमी, झारखंड के रांची में 2 सेमी, तथा बिहार के डेहरी में 2 सेमी बारिश दर्ज की गई।