पूर्वोत्तर भारत तथा केरल-माहे में भारी बारिश की चेतावनी, 120 मिमी तक बरस सकते हैं बादल

आज, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, झारखंड तथा ओडिशा समेत इन राज्यों में 70 मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है।
कल, मेघालय के अलग-अलग इलाकों में 120 मिमी तक बरसे बादल, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 70 मिमी बारिश दर्ज की गई।
कल, मेघालय के अलग-अलग इलाकों में 120 मिमी तक बरसे बादल, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 70 मिमी बारिश दर्ज की गई।
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मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि उत्तरी बांग्लादेश और उसके आस-पास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल में पश्चिम की ओर बढ़ने का पूर्वानुमान है। वहीं, मॉनसून ट्रफ का पश्चिमी छोर अपनी सामान्य स्थिति के करीब है और इसका पूर्वी छोर औसत समुद्र तल पर अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में चक्रवाती प्रसार संबंधी मौसमी गतिविधि जारी है, साथ ही पश्चिमी विक्षोभ ने पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ के रूप में मध्य स्तरों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है।

कम दबाव, मॉनसूनी गतिविधि, चक्रवाती प्रसार और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आज, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा तथा केरल और माहे के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, इन राज्यों में 12 सेमी (120 मिमी) या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।

वहीं आज, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, झारखंड, ओडिशा, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, लक्षद्वीप, रायलसीमा और तटीय कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में भी जमकर बरसेंगे बादल, इन सभी राज्यों में सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है।

वहीं कल, मेघालय के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई, यहां 120 मिमी तक बरसे बादल, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हुई, यहां 70 मिमी बारिश दर्ज की गई।

मौसम विभाग की मानें तो आज, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में गरज के साथ बारिश तथा वज्रपात होने के आसार हैं

बुधवार 21 अगस्त 2024 को मौसम का पूर्वानुमान व चेतावनी
बुधवार 21 अगस्त 2024 को मौसम का पूर्वानुमान व चेतावनी स्रोत: आईएमडी

समुद्र से दूर रहने की चेतावनी

आज,पश्चिम मध्य अरब सागर और दक्षिण पश्चिम अरब सागर के कई हिस्सों, कोंकण और गोवा, कर्नाटक, केरल के तटों के साथ-साथ पूर्व मध्य के कई इलाकों, दक्षिण पूर्व अरब सागर के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप, कोमोरिन के इलाकों और उससे सटे मालदीव क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, श्रीलंका के तट, दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा के तटों से दूर उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं आज, पश्चिम-मध्य अरब सागर, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों, सोमालिया तथा ओमान के तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई हैं।

मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

तापमान में उतार चढ़ाव

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान देखें तो कल, पश्चिम राजस्थान के श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 38.7 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में दिल्ली के रिज में न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल 20 अगस्त को जम्मू के अलग-अलग हिस्सों, असम और मेघालय के कई इलाकों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों, मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा तथा लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

वहीं कल, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा रायलसीमा के अलग-अलग इलाकों, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

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