मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर तमिलनाडु, दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों से से लेकर दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के मध्य स्तरों पर एक ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार बना हुआ है। जिसकी वजह से इस सप्ताह के दौरान भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप के केरल और माहे, लक्षद्वीप, कर्नाटक, तमिलनाडु के अधिकतर इलाकों, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा तथा तेलंगाना में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, यानी सात अक्टूबर को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, दक्षिणी प्रायद्वीप के इन हिस्सों में बादलों के सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरसने का अनुमान है।
कल, यानी छह अक्टूबर को देश में सबसे अधिक बारिश केरल और माहे के अलग-अलग हिस्सों में हुई, यहां 90 मिमी तक बारिश रिकॉर्ड की गई।
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में मौसम विभाग के मौसम संबंधी ताजा अपडेट देखें तो इस सप्ताह के दौरान पूर्वोत्तर भारत, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अधिकतर हिस्सों में वज्रपात तथा गरज के साथ मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है। जबकि आज, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, पूर्वोत्तर के इन राज्यों में सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है।
उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और मध्य भारत में लगातार मौसम शुष्क बना हुआ है, यहां के कुछ हिस्सों में उमस भरी गर्मी का दौर जारी है। इन इलाकों में तापमान में भी बढ़ोतरी देखी जार रही है, इन हिस्सों के राजस्थान के गंगानगर में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले एक सप्ताह के दौरान इन इलाकों में बारिश की कोई बड़ी गतिविधि होने की संभावना नहीं है।
लोकप्रिय पर्यटन स्थल जम्मू और कश्मीर में बर्फबारी का मौसम शुरू हो गया है। कल यानी छह अक्टूबर को गुलमर्ग सहित कश्मीर के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने इस बात का पूर्वानुमान लगाया है कि अक्टूबर और नवंबर तक ला नीना की घटना सक्रिय हो सकती है, जिसकी वजह से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में भीषण शीत लहरें चल सकती हैं।
समुद्री इलाकों में मौसमी हलचल देखें तो आज, मालदीव, लक्षद्वीप और निकटवर्ती कोमोरिन के इलाकों और मन्नार की खाड़ी तथा केरल के तट पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने का अनुमान है।
वहीं आज, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर से लगे पश्चिम-मध्य अरब सागर और सोमालिया तट के आसपास 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
आज, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु के तट पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं। इन तूफानी हवाओं की वजह से मौसम विभाग ने मछुआरों को सुझाव दिया है कि वे इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए जाने से परहेज करें।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2024 की विदाई
मॉनसून की वापसी को लेकर मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की रेखा नौतनवा, सुल्तानपुर, पन्ना, नर्मदापुरम, खरगांव, नंदुरबार, नवसारी से होकर गुजर रही है। इसका मतलब है कि अगले दो से तीन दिनों के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों और महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की विदाई हो सकती है।
तापमान में उतार चढ़ाव
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान संबंधी अपडेट की बात करें तो कल, पश्चिम राजस्थान के गंगानगर में अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में पश्चिमी मध्य प्रदेश और दिल्ली के धार और रिज में न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, छह अक्टूबर को केरल और माहे के कई इलाकों, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा ओडिशा में बारिश हुई या गरज के साथ बौछारें पड़ी।
वहीं कल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम और मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, गुजरात, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।