पूर्वोत्तर व दक्षिण भारत में भारी बारिश, उत्तर-पश्चिम में शुष्क रहेगा मौसम

आज, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में और अगले सात दिनों के दौरान शेष पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं, इन राज्यों में 70 मिमी या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।
कल मेघालय के तुरा 180 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
कल मेघालय के तुरा 180 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
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मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कई तरह की मौसमी गतिविधियों का जिक्र किया है। जिसमें कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों तथा बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। दूसरी ओर उत्तरी बांग्लादेश और उससे सटे उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में एक चक्रवाती प्रसार जारी है। दक्षिण-पूर्व अरब सागर के निचले स्तरों पर चक्रवाती प्रसार बना हुआ है

इन गतिविधियों के चलते इस सप्ताह के दौरान पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत में, खासकर पूर्वोत्तर के अधिकतर हिस्सों में बिजली गिरने तथा गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है।

वहीं अगले दो दिनों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकतर हिस्सों में भी गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा वज्रपात होने की भी आशंका जताई गई है

जबकि आज, यानी पांच अक्टूबर को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में और अगले सात दिनों के दौरान शेष पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं, इन हिस्सों में सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बरस सकते हैं बादल।

वहीं कल, मेघालय के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई, जबकि मेघालय के तुरा 180 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में मौसमी बदलाव देखें तो इन हिस्सों से जुड़े केरल और माहे, लक्षद्वीप, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के अधिकांश इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है।

जबकि, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय कर्नाटक, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा के कई हिस्सों में वज्रपात तथा गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। वहीं, इस हफ्ते तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भी बूंदाबांदी होने की संभावना है।

आज, पांच अक्टूबर को रायलसीमा में, पांच से आठ अक्टूबर के दौरान दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तथा पांच से नौ अक्टूबर के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल तथा केरल और माहे में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं, इन सभी राज्यों में सात सेमी (70 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग की माने तो अगले एक सप्ताह के दौरान उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और मध्य भारत में भारी बारिश होने की कोई संभावना नहीं है, यहां मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है।

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2024 की विदाई

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की रेखा लखीमपुर खीरी, शिवपुरी, कोटा, उदयपुर, डीसा, सुरेंद्रनगर, जूनागढ़ से होकर गुजर रही है। जिसका मतलब है कि अगले दो से तीन दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष इलाकों, मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, पूर्वी राजस्थान के शेष हिस्सों, गुजरात के कुछ और हिस्सों और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों से विदाई हो सकती है।

स्रोत: आईएमडी

तापमान में उतार चढ़ाव

देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान संबंधी मौसम विभाग के अपडेट को देखें तो कल, पश्चिम राजस्थान के गंगानगर में अधिकतम तापमान 39.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं कल, देश के मैदानी इलाकों में हरियाणा के नाहन में न्यूनतम तापमान 19.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

कल कहां हुई बारिश और कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?

कल, चार अक्टूबर को असम और मेघालय तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कई इलाकों, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, बिहार तथा झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें पड़ी।

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