हिमाचल में असामान्य बर्फबारी, हिमस्खलन की वजह से थमा चिनाब नदी का प्रवाह

पूरे प्रदेश में सामान्य से 508 फीसदी से अधिक बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई
हिमाचल का कबाईली जिला लाहौल स्पीति के राशेल गांव में भारी बर्फबारी का दृश्य। फोटो: रोहित पराशर
हिमाचल का कबाईली जिला लाहौल स्पीति के राशेल गांव में भारी बर्फबारी का दृश्य। फोटो: रोहित पराशर
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लंबे ड्राई स्पैल के बाद हिमाचल प्रदेश में पिछले चार दिनों में भारी बर्फबारी और बारिश हो रही है। 1 से 3 मार्च तक जनजातीय जिलों किन्नौर और लाहौल स्पीति में तीन फीट से अधिक बर्फबारी दर्ज की गई है। जिससे आम जनमानस को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम विभाग के डाटा के अनुसार लाहौल स्पीति जिला में सामान्य से 530 फीसदी से अधिक बर्फबारी देखी गई है। सामान्य तौर पर लाहौल स्पीति में सामान्य परिस्थितियों में 20.8 सेंटीमीटर बर्फबारी और बारिश होती है लेकिन इस बार इस दौरान 131 सेंटीमीटर से अधिक बर्फबारी दर्ज की गई है। इसके अलावा लाहौल में सामान्य से 700 फीसदी और चंबा जिला में 516 फीसदी अधिक बर्फबारी और बारिश दर्ज की गई है।

पूरे प्रदेश में 508 फीसदी से अधिक बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई है। भारी बर्फबारी की वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में हिमस्खलन की घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं।

लाहौल स्पीति के जसरथ गांव के दारा झरने के पास दो दिन पहले हुए हिमस्खलन की वजह से चिनाब नदी का प्रवाह 15 घंटे से अधिक समय तक रुका रहा। जिसकी वजह से नदी के निचले इलाकों के लोगों में दहशत का माहौल बना रहा। भारी बर्फबारी की वजह से पर्यटन स्थल मनाली के सोलंगनाला में हिमस्खलन की वजह से 5 गाड़ियां चपेट में आ गई हैं और तांदी पुल के पास हिमस्खलन में 5 दुकानों को नुकसान पहुंचा है। भारी बर्फबारी के कारण लाहौल घाटी पूरी तरह से शेष दुनिया से कट गई है।

आपदा प्रबंधन के आंकडों के अनुसार एकदम हुई इस बर्फबारी और बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश में 652 से अधिक सड़कें, 1749 ट्रांसफार्मर और 78 पानी की परियोजनाएं बाधित हुई हैं। भारी बर्फबारी और बारिश को देखते हुए लाहौल स्पीति जिला उपायुक्त की ओर से सोमवार को सरकारी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही लोगों को बेवजह घर से बाहर न निकलने की भी हिदायत दी गई है।

मौसम विज्ञानी राजेश सिंह राणा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि एक साथ इतनी बर्फबारी और बारिश होना एक असामान्य घटना है। एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस और अरब सागर से उठ रही नमी वाली हवाओं के साथ पंजाब व राजस्थान की ओर से आने वाली हवाओं के एक साथ मिलने से यह प्रदेश में असामान्य बारिश.बर्फबारी देखने को मिली है। आने वाले 2-3 दिनों में फिर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस से सक्रिय होने का पूर्वानुमान है जिससे प्रदेश में बारिश और बर्फबारी दोबारा देखने को मिल सकती है।

किन्नौर के सांगला निवासी विपिन नेगी का कहना है कि मार्च माह में इतनी बर्फबारी सामान्य तौर पर देखने को नहीं मिलती है। अचानक इतनी बर्फबारी होने से पूरे इलाके में पानी और बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। इसके अलावा लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लाहौल के शाम आजाद का कहना है कि 2018-19 के बाद लाहौल क्षेत्र में अच्छी बर्फबारी देखने को मिली है। इससे बहुत  सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस अच्छी बर्फबारी की वजह से क्षेत्र के किसान बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। अच्छी बर्फबारी होने की वजह से गर्मियों के दिनों में पानी की किल्लत से नहीं जुझना पड़ेगा और अच्छी पैदावार हो सकती है।

मौसम विभाग ने आने वाले सप्ताह में एक बार फिर से वेस्ट्रन डिस्टर्बेंस के सक्रिय होने के चलते बारिश और बर्फबारी होने की आशंका जताई गई है। 

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