ललितपुर जिले में एक दिन सामान्य से 1500 प्रतिशत अधिक बारिश

15 सितंबर को 4.9 एमएम औसत वर्षा के मुकाबले 77.7 एमएम बारिश दर्ज की गई
ललितपुर जिले में एक दिन सामान्य से 1500 प्रतिशत अधिक बारिश
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उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्र बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में 15 सितंबर 2022 को हुई भारी बारिश ने किसानों की खरीफ की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 15 सितंबर को जिले में 77.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई जो सामान्य बारिश 4.9 मिलीमीटर से 1,485 प्रतिशत अधिक है। दूसरे शब्दों में कहें तो मॉनसून के सितंबर माह में होने वाली 142.5 प्रतिशत औसत बारिश का करीब 55 प्रतिशत पानी महज एक दिन में बरस गया। अगर पूरे मॉनसून सीजन के हिसाब से देखें तो पूरे सीजन का करीब 10 प्रतिशत पानी एक दिन में बरस गया। इस चरम बारिश ने जिले में जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है।  

इस भारी बारिश से एक दिन पहले यानी 14 सितंबर तक जिले में मॉनसून की बारिश 48 प्रतिशत कम थी। आईएमडी के अनुसार, मॉनसून के पिछले 15 हफ्तों में 10 हफ्ते ऐसे गुजरे जब जिले में मॉनसून की बारिश 42 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक कम हुई, जबकि शेष 5 हफ्तों में बारिश सामान्य से अधिक रही। 15 सितंबर की बारिश के बाद जिले में 730.1 एमएम बारिश हो चुकी है जो अब तक की सामान्य बारिश 757.3 एमएम से महज 4 प्रतिशत कम है यानी मॉनसून की स्थिति सामान्य हो चुकी है।

फसलों पर बुरा असर

बारिश से उन किसानों पर बहुत बुरा असर पड़ा जिनकी खरीफ की फसलें कट चुकी थीं या कटने को तैयार थीं। जिले में इस वर्ष बड़े पैमाने पर उड़द की फसल लगाई गई थी और बहुत से किसानों ने फसल काटकर सूखने के लिए खेत में रखी थी।

ललितपुर के सामाजिक कार्यकर्ता व गैर लाभकारी संगठन बुंदेलखंड सेवा संस्थान से जुड़े वासुदेव के अनुसार, दो दिन पहले अच्छी धूप देखकर लोगों ने उड़द की फसल काटकर खेतों में सूखने के लिए छोड़ दी थी लेकिन 14 सितंबर की रात से अचानक बारिश होने लगी जो 15 सितंबर की रात तक जारी रही। इससे किसानों को संभलने का मौका नहीं मिला। वह बताते हैं कि जिले में इस वर्ष 3.35 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल बोई गई थी। ज्यादातर किसानों ने उड़द के अलावा, तिल, मूंगफली की फसल लगाई गई थी। इनमें से अधिकांश फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। वासुदेव के अनुसार, बारिश के अलावा जिले के सभी बांधों के फाटक खुलने से भी फसलों को नुकसान हुआ है। बांधों के फाटक खुलने से झांसी तक कई गांवों में बाढ़ की स्थिति है।

जिले में भारी बारिश से फसलों को नुकसान को देखते हुए किसान संगठनों ने जिलों को आपदाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। 15 सितंबर को भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा है कि अतिवृष्टि से फसलें बर्बाद हो गई हैं। जिले के किसानों ने नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजे की मांग की है।

ललितपुर के पड़ोसी जिले झांसी में भी 15 सितंबर को सामान्य से 1,175 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। आईएमडी के अनुसार जिले में 5.2 एमएम के मुकाबले 66.3 एमएम बारिश हुई है। झांसी में फसलों को पहुंचे नुकसान के चलते एक किसान की सदमे में मौत हो गई है।

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। अगर केवल 15 सितंबर की बात करें तो राज्य के बलरामपुर जिले में सबसे अधिक 1,939 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। जबकि बस्ती में 1,921 प्रतिशत व सिद्धार्थनगर में सामान्य से 1,570 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। राज्य के कुल 9 ऐसे जिले रहे जहां सामान्य से 1,000 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि 10 जिलों में 500 से 1,000 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इन स्थितियों ने कई जिलों में भयावह स्थिति पैदा कर दी है और राज्य में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं। 

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