
देशभर से दक्षिण-पश्चिम मानसून की पूरी तरह विदाई, अब दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मानसून सक्रिय।
केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और लक्षद्वीप में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी, ऑरेंज अलर्ट जारी।
अरब सागर में 18 अक्टूबर तक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने के आसार , जो डिप्रेशन में बदल सकता है।
उत्तर भारत में सर्दी ने दी दस्तक, दिल्ली-एनसीआर और पहाड़ी इलाकों में सुबह-शाम ठंडक बढ़ी।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह, तेज हवाओं और भारी बारिश से जलभराव, भूस्खलन और फसलों को नुकसान का खतरा।
देशभर से आखिरकार दक्षिण-पश्चिम मानसून की पूरी तरह विदाई हो गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज सुबह, 17 अक्टूबर, 2025 को अपने ताजा अपडेट में आधिकारिक रूप से घोषणा की कि 16 अक्टूबर को मानसून अब पूरे भारत से लौट चुका है। इसके साथ ही, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल और माहे में उत्तर-पूर्व मानसूनी बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई हैं।
इस प्रकार अब दक्षिण भारत के हिस्सों में अगले दो महीनों तक बारिश का मुख्य दौर जारी रहेगा, जिसे उत्तर-पूर्व या "रिटर्निंग मानसून" कहा जाता है। यह दौर खासतौर पर तमिलनाडु और दक्षिणी प्रायद्वीप के राज्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस समय बारिश की 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी इन्हीं क्षेत्रों को मिलती है।
मौसम विभाग के अनुसार, कोमोरिन के हिस्सों और इसके आस-पास के इलाकों के मध्यम स्तरों तक ऊपरी हवाओं का चक्रवाती प्रसार सक्रिय है। इसी प्रकार, उत्तर झारखंड और इसके आसपास ऊंचाई पर एक अन्य चक्रवाती प्रसार मौजूद है।
इसके अलावा, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप के इलाकों में एक ऊपरी हवाओं का चक्रवात बना हुआ है। इसके कारण 18 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप के इलाकों में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका जताई गई है। इसके धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने और अगले 48 घंटों में डिप्रेशन में तब्दील होने का अंदेशा जताया गया है।
उत्तर-पूर्व मानसून के साथ-साथ उपरोक्त अलग-अलग तरह की मौसमी गतिविधियों के चलते आज, 17 अक्टूबर, 2025 को मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि केरल और माहे, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। इन राज्यों में 115.5 से 204.4 मिमी तक पानी बरस सकता है। विभाग ने यहां बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
वहीं आज, आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं। इन राज्यों में बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी है। यहां 64.5 से 115.5 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।
बरसात के साथ -साथ आज, 17 अक्टूबर, 2025 को तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने तथा वज्रपात का अंदेशा जताया गया है।
उत्तर भारत में मौसमी बदलाव देखें तो देश की राजधानी दिल्ली और इससे सटे एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में सुबह-शाम हल्की सर्दी महसूस की जा रही है। हालांकि दोपहर में धूप खिलने से गर्मी का अहसास हो रहा है।
आज, दिल्ली में अधिकतम तापमान के 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान के 18 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है। विभाग की मानें तो दिवाली तक दिल्ली एनसीआर में मौसम के मिजाज में कोई खास बदलाव होने के आसार नहीं हैं। वहीं जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है।
पर्वतीय राज्य, उत्तराखंड, हिमाचल तथा जम्मू और कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में दिन में भी कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जबकि मैदानी इलाकों में दिन में चटख धूप खिलने के कारण गर्मी महसूस की जा रही है। वहीं आज, 17 अक्टूबर, 2025 को भी मौसम के साफ बने रहने का पूर्वानुमान है। मौसम भले ही लगातार शुष्क बना हुआ है, लेकिन फिर भी ठंड में इजाफा हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में मौसमी बदलाव की बात करें तो यहां मौसम के शुष्क रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है। राज्य की राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में तापमान सामान्य से कम दर्ज किया जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, यहां आने वाले दिनों में सुबह व रात के समय सर्दी का प्रकोप बढ़ सकता है। वहीं दोपहर में धूप निकलने से तापमान में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।
मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह
कम दबाव के चलते केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के तटों के आसपास 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं। इस कारण से मछुआरों को अगले दो दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
मौसम के संभावित प्रभाव और चेतावनी
भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण दक्षिणी राज्यों में कुछ बुरे प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विभाग ने कहा है कि शहरों में सड़कों पर जलभराव और निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका है।
दृश्यता कम होने से ट्रैफिक प्रभावित हो सकता है, जिससे यात्रा समय बढ़ेगा। कुछ हिस्सों में कच्ची सड़कों को नुकसान और कमजोर ढांचों को क्षति पहुंच सकती है। स्थानीय स्तर पर भूस्खलन, मिट्टी खिसकने या दलदली क्षेत्रों के धंसने के आसार हैं।
फसलों और बागवानी को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर जलभराव वाले इलाकों में। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ नदी तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।
तापमान में उतार-चढ़ाव
देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान की बात करें तो कल, 16 अक्टूबर, 2025 को राजस्थान के बाड़मेर में अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कल, देश के मैदानी इलाकों में हिमाचल प्रदेश के ऊना में न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
कल कहां हुई बारिश व कहां पड़ी गरज के साथ बौछारें?
कल, 16 अक्टूबर, 2025 को लक्षद्वीप, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल तथा केरल और माहे के अधिकतर इलाकों, तटीय आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, रायलसीमा, कर्नाटक और गुजरात के कई इलाकों में बादल बरसे या गरज के साथ बौछारें रिकॉर्ड की गई, जबकि देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहा।
कल कहां कितना बरसा पानी?
कल, 16 अक्टूबर, 2025 को लक्षद्वीप के मिनिकॉय में 6 सेमी, अगाथी में 4 सेमी, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में 3 सेमी, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कराईकल, इरोड प्रत्येक जगह 2 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई।